रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले और बस्तर संभाग आयुक्त डोमन सिंह से दूरभाष पर चर्चा कर राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति जानी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इसे भी पढ़ें : बस्तर में बाढ़ का कहर : प्रभावित लोगों का हेलिकॉप्टर से किया गया एयरलिफ्ट, 85 परिवारों ने छोड़ा घर


राजस्व सचिव कंगाले ने मुख्यमंत्री को बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा, दरभा और तोकापाल विकासखंडों में प्रशासन लगातार राहत कार्य संचालित कर रहा है। लोहंडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम मांदर से 21 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं, लोहंडीगुड़ा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर और नाव की सहायता से ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बीते 24 घंटों में 68 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टरों को निचले इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क करने और सुरक्षित स्थानों पर शीघ्र पहुंचाने के निर्देश दिए।
इसे भी पढ़ें : बस्तर में मूसलाधार बारिश से तबाही : बह गई सड़क, कई घर डूबे, बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू करना भी हो रहा मुश्किल
मुख्यमंत्री साय ने राहत कार्यों में जुटे प्रशासनिक अमले, एसडीआरएफ और पुलिस बल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार आम जनता की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैंने प्रशासनिक अधिकारियों और एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रहने और आवश्यकता अनुरूप प्रभावितों को सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें