कोरोना काल में आपने लॉकडाउन को खूब एक्‍सपीरियंस किया होगा. अब जम्‍मू में एक बार फिर वहीं लॉकडाउन वाली स्थित को लागू कर दिया गया है. इस वक्‍त कोविड-19 जैसे कोई स्थिति नहीं है. दरअसल, वहां जारी भयंकर बारिश, भूस्खलन और क्लाउड बस्ट जैसी प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए किया जा रहा है. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं. डिविजनल कमिश्नर जम्मू रमेश कुमार ने रात के आठ बजे से सुबह आठ बजे तक लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है. लोगों से घर की चार दीवारी में रहने की अपील की गई है.

 बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ में बादल फटा है। डोडा और किश्तवाड़ जिले में कई जगहों पर बादल फटने की खबर है। प्रारंभिक जानकारी में डोडा में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हुई है। डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में बादल फटने से कई घर बङ गए। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। कुदरत के इस कहर के कारण दोनों जिलों में व्यापक तबाही हुई। सड़कों पर मलबा आने के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया है। वहीं रेस्क्यी ऑपरेशन जारी है। भारी बारिश को देखते हुए आपात स्थिति से निपटने के लिए जम्मू क्षेत्र के प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। डोडा के भलेसा, थाथरी और मरमत में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कई पुल भी बह गए। बटोटे-किश्तवाड़ नेशनल हाईवे (NH-244) भी बंद कर दिया गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप है।

केवल रात के लिए लॉकडाउन

रमेश कुमार ने नागरिकों से सतर्क रहने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की. उन्होंने स्पष्ट किया कि लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी कारण रात आठ बजे के बाद लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है. बीते कुछ दिनों से जम्मू संभाग के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. इससे नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. कई निचले इलाकों में पानी भरने की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रहे भूस्खलन और अचानक आए क्लाउड बस्ट ने स्थिति और भी गंभीर कर दी है. इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने साफ किया है कि बेवजह बाहर निकलना बेहद खतरनाक हो सकता है.

हालात सुधरने तक नाइट लॉकडाउन जारी

डिविजनल कमिश्नर ने कहा कि सोमवार रात से लागू होने वाला यह प्रतिबंध आगामी दिनों में हालात सुधरने तक जारी रह सकता है. उन्होंने कहा कि यह फैसला नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और लोगों से अपील की कि वे प्रशासनिक आदेश का पालन करें. प्रशासन और सुरक्षा बलों की टीमें लगातार अलर्ट मोड पर हैं. निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. कई इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. साथ ही सेना भी जरूरत पड़ने पर बचाव कार्य में मदद के लिए तैयार है.

अफवाहों से बचने की अपील

रमेश कुमार ने कहा कि इस मुश्किल समय में अफवाहों से बचना बेहद जरूरी है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सिर्फ प्रशासनिक घोषणाओं और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें. साथ ही, जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल कर मदद मांगें. प्रशासन का यह फैसला साफ संदेश देता है कि प्राकृतिक आपदा के समय लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है. नाइट लॉकडाउन का उद्देश्य न केवल लोगों को सुरक्षित रखना है बल्कि बचाव कार्य को आसान बनाना भी है.

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