शशिकांत डिक्सेना, कटघोरा। जिले के पाली थाना क्षेत्र के कोल माइंस इलाके में मार्च 2025 में हुई हत्याकांड और आगजनी के मामले में अदालत ने 6 आरोपियों को सीधे जेल भेज दिया है। सभी आरोपियों ने पहले निचली अदालत में जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था। इसके बाद सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए और जमानत न मिलने पर उन्हें जिला जेल में दाखिल कर दिया गया।

वहीं इस प्रकरण में हत्या के बाद माहौल खराब करने वाला आरोपी भाजपा नेता संजय भावनानी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है और फरार चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। संजय भावनानी पर हत्याकांड के बाद अस्पताल में उपद्रव मचाने, थाना परिसर में पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और कई जगहों पर आगजनी कर पाली नगर का शांति भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

कब हुई थी रोहित जायसवाल की हत्या?

कोरबा जिले के पाली ब्लॉक में संचालित एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के सराईपाली उपक्षेत्र की कोयला खदान में 28 मार्च 2025 की मध्यरात्रि को कोयला लोडिंग को लेकर हुए विवाद के दौरान ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की हत्या हो गई।

रोशन सिंह ठाकुर की बड़ी बहन संध्या ठाकुर की शिकायत पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी और अन्य लोगों के खिलाफ तोड़फोड़, आगजनी और अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया। गैर-जमानती धाराओं में दर्ज अपराध में राहुल जायसवाल उर्फ अंकुश जायसवाल, कन्हैया जायसवाल उर्फ कृष्ण कुमार, अनिल कुमार जायसवाल, धर्मराज मरावी उर्फ धरमू मरावी (हत्या का चश्मदीद), राजेश डोंगरे (प्रत्यक्षदर्शी) और अन्य को आरोपी बनाया गया।

प्रकरण में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई और गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तारी के लगातार बढ़ते दबाव के बीच आखिरकार सोमवार को न्यायालयीन कार्रवाई के दौरान 6 आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी आरोपियों का जेल वारंट जारी करने के निर्देश दिए गए। इसके उपरांत इन सभी को न्यायिक रिमांड पर जिला जेल दाखिल कराने की कार्रवाई की गई।

कौन है संजय भावनानी और क्या है आरोप?

बता दें कि इस पूरे हत्याकांड के साथ ही संजय भावनानी पर आरोप लगे हैं। घटना के संबंध में बताया गया है कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए थाने में ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल के साथ गाली-गलौज किए और आग लगाने की पूरे गांव में खुली धमकी दी थी।

इसके बाद 5 घरों में तोड़फोड़ की गई थी। इसके अलावा बुजुर्गों और महिलाओं से मारपीट की गई और अभद्रता करते हुए आगजनी जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया था, जिससे पाली थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई थी। आलम यह था कि लॉ एंड ऑर्डर को सुधारने और आम लोगों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को हमले से बचाने के लिए स्वयं जिला पुलिस कप्तान को पाली आना पड़ा था।

बावजूद इन सब के आज पाली पुलिस संजय भावनानी को गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। पीड़ित पक्ष की संध्या सिंह ठाकुर द्वारा यह आशंका व्यक्त की गई है कि जिस तरह अभी तक गवाहों को डराने-धमकाने का प्रयास किया गया है, मुख्य आरोपी भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी अपने पद एवं पहुंच का फ़ायदा उठाते हुए आगे भी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। पीड़ित पक्ष ने मांग की है कि आरोपी संजय भावनानी की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी सुनिश्चित की जाए।