मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली एनसीआर में आप नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से जुड़े कथित घोटालों की जांच के सिलसिले में हुई है। सौरभ भारद्वाज ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया कि 13 ठिकानों पर छापे पड़े हैं, लेकिन उन ठिकानों की जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई। जानकारी के मुताबिक, ED की जांच उन परियोजनाओं और संबंधित वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित है, जहां करोड़ों रुपये का कथित गबन और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है। अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने तक सभी ठिकानों और संबंधित दस्तावेजों का खुलासा नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को ED की कार्रवाई पर गंभीर शिकायत है। उन्होंने सवाल उठाया: “भाई 13 ठिकानें, जहां ED के छापे पड़े हैं, कहां हैं?” सौरभ ने कहा कि उनके 13 ठिकानों पर छापा पड़ा, लेकिन उन्हें कब्जा नहीं दिया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि ED या तो कब्जा दिलाए ताकि वह संपत्ति बेच सकें, या फिर पॉवर ऑफ अटॉर्नी जारी करे। सौरभ ने इस मामले में व्यक्तिगत व्यंग्य भी किया और बताया कि उनकी बेटी ने पूछा: “पापा, क्या आपके पास ऑफिस है?” इस पर उन्होंने जवाब दिया कि वह सरकारी है, लेकिन बेटी ने कहा कि नहीं, फोटो के हिसाब से एक ऑफिस है। सौरभ ने कहा: “बेशर्मों, शर्म करो। डूब मरो।”
स्टेटमेंट बदलने के लिए ED ने बनाया दवाब- भारद्वाज
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की छापेमारी के बीच आप नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 17 के तहत दर्ज किए गए अपने बयान को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस धारा के तहत जो बयान आरोपी देता है, उसे अदालत में उसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया: “यह पूरी तरह गलत है। दुनिया के किसी कानून में ऐसा नहीं होता कि किसी का खुद का बयान उसी के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाए।” उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने बयान से किसी हिस्से को हटाने से मना किया, तो ED अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भी ‘परफॉर्मेंस’ दिखानी पड़ती है। सौरभ ने इसे संस्थाओं की प्रोफेशनल ईमानदारी पर सवाल खड़ा करने वाला बताया और कहा कि यह मामला कानूनी और नैतिक दोनों ही दृष्टिकोण से गंभीर है।
उन्होंने कहा कि: “देश में नौटंकी और दलाली चल रही है। अधिकारियों को राजनीतिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। यहां तक कि परिवार पर दबाव डालकर बयान बदलने को कहा जाता है।” भारद्वाज ने यह भी जोड़ा कि यदि कोई चेतावनी देना चाहता है, तो उसे स्टेटमेंट में लिख देना चाहिए कि व्यक्ति ने चेतावनी मानने से इनकार किया, लेकिन बयान को काटना या बदलना पूरी तरह अवैध है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने मांग की कि ED अधिकारी मयंक अरोड़ा के 8 बजे से 2 बजे तक की बातचीत और बयान किसे भेजा गया, इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। सौरभ के अनुसार, यह मामला कानूनी पारदर्शिता और अधिकारियों की पेशेवर ईमानदारी के दृष्टिकोण से गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
चिराग दिल्ली में भारद्वाज के आवास पर उनसे मुलाकात के बाद सिसोदिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा मानिश सिसोदिया ने आप नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास पर उनसे मुलाकात के बाद ईडी की छापेमारी को लेकर कड़ा रुख अपनाया। सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा: “मेरे भाई सौरभ भारद्वाज, 18 घंटे की ईडी की छापेमारी और साज़िशों के बाद भी बेखौफ… उनकी हिम्मत और साहस हमारे लिए मिसाल है। हम एक परिवार हैं और जब तक हम साथ हैं, कोई झूठ और साज़िश हमें नहीं झुका सकती।” उन्होंने मीडिया से कहा: “कल ईडी ने छापेमारी के नाम पर नाटक किया। मैं इसे नाटक इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब भी भाजपा पर कोई संकट आता है और उन पर सवाल उठते हैं, ईडी लोगों के घरों पर छापेमारी शुरू कर देती है। जैसे ही लोगों ने मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठाना शुरू किया, उन्होंने ये झूठी छापेमारी शुरू कर दी।”
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