अविनाश श्रीवास्तव/सासाराम। शहर की कानून-व्यवस्था संभालने वाले होमगार्ड के जवानों को आज खुद सड़कों पर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते देखा गया। पुलिस जैसी वर्दी में प्रदर्शन करते इन जवानों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा और प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। बिहार रक्षा वाहिनी स्वयंसेवक संघ के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में होमगार्ड के जवानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने बीते साल 6 दिसंबर को कई अहम घोषणाएं की थीं। इनमें 55% महंगाई भत्ता, वर्दी के लिए विशेष भत्ता और हर महीने 5 दिन का अवकाश देने का वादा शामिल था। लेकिन आठ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इन घोषणाओं पर कोई अमल नहीं हुआ है।
जवानों ने लगाया आरोप
जवानों का आरोप है कि जब उनसे अनुशासन, ड्यूटी और राष्ट्रसेवा की उम्मीद की जाती है, तो उनके अधिकारों की अनदेखी क्यों की जाती है? एक होमगार्ड ने कहा, “हम भी परिवार चलाते हैं, महंगाई सबको प्रभावित करती है। सरकार ने वादा किया लेकिन निभाया नहीं।
प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में होमगार्ड के जवान शामिल हुए, जो अपने हाथों में बैनर और तख्तियां लिए हुए थे। वे सरकार से अपनी मांगों को लेकर स्पष्ट जवाब और समयबद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान जवानों ने स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा और चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को प्रदेश स्तर पर विस्तारित किया जाएगा।
नहीं निकला कोई हल
यह प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि होमगार्ड की भूमिका राज्य की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में अहम होती है। यदि इन्हीं लोगों में असंतोष बढ़ता है, तो इसका सीधा असर व्यवस्था पर पड़ सकता है।
फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रदर्शन ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि अब वादों के बजाय ज़मीनी कार्रवाई की दरकार है।
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