रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में ब्राह्मण और ओबीसी समुदायों के बीच तनाव चरम पर है. सलोन कस्बे के हिस्ट्रीशीटर आशीष तिवारी द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य थप्पड़ कांड के बाद सोशल मीडिया पर मौर्य समाज के खिलाफ जातिसूचक और अभद्र टिप्पणियों ने विवाद को हवा दी है. मौर्य समाज ने आरोप लगाया है कि प्रशासन आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे सुरक्षा प्रदान कर रहा है, जिससे पिछड़ा वर्ग में भारी नाराजगी है.
मौर्य समाज के लोगों ने तत्काल शिकायत दर्ज की, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता से आक्रोश और बढ़ गया. इसके विरोध में समाज ने गोराबाजार बस्तेपुर से कलेक्ट्रेट तक धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बस्तेपुर में ही रोक लिया. काफी जद्दोजहद के बाद प्रदर्शनकारी गोराबाजार चौराहा पहुंचे, जहां सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया. प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय जाने पर अड़े रहे, लेकिन अपर पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ.
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मौर्य समाज के नेताओं ने प्रशासन के आश्वासन पर अविश्वास जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. राहुल गांधी, जो दलित और ओबीसी अधिकारों की वकालत करते हैं, के क्षेत्र में यह विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है. विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा शासित राज्य में ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है, जबकि सत्ताधारी दल इसे व्यक्तिगत मामला बता रहा है. मौर्य समाज का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल उनके समुदाय, बल्कि पूरे पिछड़े वर्ग के लिए अपमानजनक है, जिससे क्षेत्र में तनाव बना हुआ है.
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