Ganesh Chaturthi Special: मोरेगांव गणपति मंदिर, जहां गणेश बप्पा खुद प्रकट हुए

महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक छोटा-सा गांव है मोरेगांव. यही पर स्थित है अष्टविनायक यात्रा का पहला और सबसे महत्वपूर्ण मंदिर, मोरेश्वर गणपति.

कहते हैं यहां विराजमान गणेश जी की मूर्ति किसी ने बनाई नहीं, बल्कि यह खुद धरती से प्रकट हुई थी. इसीलिए इसे ‘स्वयंभू गणपति’ कहा जाता है.

इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यहां की गणेश प्रतिमा हमेशा सिंदूर से ढकी रहती है और भक्त इन्हें ‘मयूरश्वर’ नाम से भी पुकारते हैं.

गांव का नाम मोरेगांव इसलिए पड़ा क्योंकि पुराने समय में यहां बहुत सारे मोर पाए जाते थे. आज भी मंदिर के आसपास मोर दिखाई दे जाते हैं

लोगों का मानना है कि मोरेश्वर गणपति के दर्शन से जीवन की बड़ी से बड़ी रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं.

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