कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश बहुचर्चित व्यापम फर्जीवाड़ा 2013 मामले में अब सुनवाई की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट में 3 जुलाई को चालान पेश किया गया, जिसमें 122 आरोपियों पर आरोप तय किए जाने की तैयारी है। यह मामला 2013 में तब सामने आया था, जब ग्वालियर के झांसी रोड थाने में व्यापम घोटाले को लेकर FIR दर्ज की गई थी। इस घोटाले में प्रवेश परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली, फर्जी अभ्यर्थियों को शामिल करने, और दस्तावेजों में हेरफेर जैसे गंभीर आरोप लगे थे। 

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मामले की गंभीरता को देखते हुए 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने लंबी जांच के बाद 2020 में पहली चार्जशीट दायर की थी, जिसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य संगीन धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए। अब इस केस की सुनवाई सीबीआई की मजिस्ट्रेट कोर्ट से सेशन कोर्ट में स्थानांतरित हो गई है, क्योंकि हालिया चार्जशीट में जोड़ी गई धाराएं मजिस्ट्रेट कोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर हैं। 

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122 जीवित आरोपियों में एक विधायक का बेटा, मेडिकल कॉलेज के छात्र, बिचौलिये, और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जीवाड़ा कर कई लोगों को गलत तरीके से प्रवेश और सरकारी नौकरियां दिलाईं। इस मामले में कुल 130 लोग आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से 8 की मृत्यु हो चुकी है।

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