सुकमा. बस्तर में लगातार भारी बारिश ने जवजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. नदी-नाले उफान पर हैं. सुकमा जिला मुख्यालय से जगदलपुर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-30 पर पानी भरने से आवागमन बंद है. नेशनल हाईवे पर नाव भी चलने लगा है. 24 घंटे से ज्यादा समय से बाढ़ में फंसे यात्रियों को नगर सैनिक राहत बचाव दल नाव से पार करवाया. बारिश रुकने से तेजी से नदी-नलों और सड़कों पर भरे पानी का जलस्तर कम हो रहा है. कई जगहों पर सड़क से पानी उतर गया है.

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बस्तर : 85 परिवारों को खाली करने पड़े अपने घर

भारी बारिश से लोहंडीगुड़ा तहसील के मांदर गांव में हालात बिगड़ने पर 85 परिवारों को अपने घर खाली करने पड़े। बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रशासन और बचाव दल ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। एसडीआरएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ग्रामीणों को पानी से घिरे इलाकों से सुरक्षित निकाला। वहीं 5 लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट कर राहत केंद्र पहुँचाया गया। गनीमत रही कि इस आपदा में किसी तरह की जनहानि की खबर सामने नहीं आई है। जगदलपुर शहर और ग्रामीण इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं और कई रास्तों पर जाम की स्थिति बनी रही। केशलूर मार्ग पर सड़क नदी में तब्दील हो गई, जहां घंटों तक वाहनों की कतारें लगी रही। दरभा झीरम घाटी मार्ग पर कार बहने की घटना में रायपुर निवासी दंपत्ति और उनकी दो बेटियां लापता हो गईं। प्रशासन ने पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रखा है और राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है।

नेलगुंडा (जगदलपुर ग्रामीण क्षेत्र) : डोंगी हादसे में दो बच्चियां लापता

नेलगुंडा घाट पर सोमवार शाम बड़ा हादसा हो गया, जब नदी पार कर रही एक डोंगी अचानक पलट गई। डोंगी में सवार बेलनार गांव की दो बच्चियां तेज बहाव में बह गईं और अब तक लापता हैं। अन्य ग्रामीण किसी तरह तैरकर किनारे पहुँचने में सफल रहे और अपनी जान बचाई। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और नगरसेना की टीम मौके पर पहुँची। सर्च ऑपरेशन देर रात तक चलता रहा, लेकिन बच्चियों का कोई पता नहीं चल सका। मंगलवार सुबह भी गोताखोर और राहत दल नदी में उनकी तलाश में जुटे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हादसा हुआ। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है। ग्रामीणों का कहना है कि तेज बहाव के कारण नदी पार करना हर दिन खतरनाक साबित हो रहा है।

दंतेवाड़ा : भारी बारिश से मार्ग ठप, युवक का ड्रोन से रेस्क्यू

दंतेवाड़ा जिले में लगातार बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। बंजारिन घाटी और चेरपाल नदी उफान पर आने से कई इलाकों का संपर्क टूट गया। बाँगापाल थाना के पास बड़ा नाला खतरनाक स्थिति में पहुँच गया और नेशनल हाइवे-63 पर यातायात रुक गया। बारिश के कारण बीजापुर और दंतेवाड़ा को जोड़ने वाले कई मार्ग घंटों तक ठप रहे। भैरमगढ़ के ग्वारामारा में एक युवक इंद्रावती नदी के तेज बहाव में फंस गया। सूचना मिलते ही विधायक विक्रम मंडावी और तहसीलदार मौके पर पहुँचे। नगरसेना की टीम ने ड्रोन की मदद से युवक को सुरक्षित बाहर निकाला। गांव के लोगों ने राहत की सांस ली कि समय रहते युवक की जान बचा ली गई। ग्रामीण इलाकों में कई कच्चे मकान भी पानी में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और अलर्ट मोड पर है।

बीजापुर : सड़कों पर पानी, ग्रामीण फंसे

बीजापुर जिले में लगातार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। गंगालूर और जगदलपुर मार्ग पर पानी भरने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। कई नदी-नाले उफान पर आ गए जिससे गांव-गांव का संपर्क टूट गया। बीजापुर-गंगालूर मार्ग पर बना रपटा डूब गया और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मालवाहक वाहन, टैक्सियां और बसें बीच रास्ते में फंस गईं। ग्रामीण भी दोनों ओर फंसे रहे और घंटों इंतजार करना पड़ा। बीजापुर-जगदलपुर मार्ग पर भी पानी का बहाव इतना तेज रहा कि सड़क पार करना खतरनाक हो गया। आवागमन बंद होने से रोजमर्रा की जरूरतों पर असर पड़ा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से राहत और वैकल्पिक इंतजाम की मांग की। गांवों में रहने वाले परिवारों को जरूरी सामान पहुँचाने में भी कठिनाई आ रही है।

सुकमा : शबरी नदी उफान पर, सड़क संपर्क टूटा

सुकमा जिले में लगातार बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं। मंगलवार शाम को शबरी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा। थोड़ी ही देर में झापरा पुल के ऊपर से पानी बहने लगा और यातायात पूरी तरह ठप हो गया। इसके चलते सुकमा और ओडिशा (मलकानगिरी) का सड़क संपर्क कट गया। तोंगपाल-मारेंगा मार्ग पर पुल के दोनों किनारों से सड़क कटकर बह गई। इस कारण आसपास के एक दर्जन से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे। बारिश का असर ग्रामीणों की खेती और पशुओं पर भी देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी स्थिति कई सालों बाद देखने को मिली है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव दल तैनात कर दिया है।