रायपुर। मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा भिलाई के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता खत्म किये जाने से वहां के छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. एमसीआई के फैसले से परेशान छात्रों और उनके अभिभावकों ने अब राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर उनसे अपने भविष्य की गुहार लगाई है. राज्यपाल ने छात्रों और उनके अभिभावकों को शासन स्तर पर चर्चा कर समस्या के समाधान किये जाने का आश्वासन दिया है.

प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2017 में प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण कर एडमिशन लिया था। यह एडमिशन निर्धारित स्टेट तथा केन्द्र के कोटे के तहत लिया गया था. प्रारंभ में सबकुछ ठीक रहा, पर वर्ष 2018 में चिकित्सा महाविद्यालय की मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया ने मान्यता रद्द कर दी. अब तक महाविद्यालय को मान्यता नहीं दी गई है. उसके बाद से महाविद्यालय में आधारभूत सुविधाओं में कमी आने लगी और कक्षाएं भी निरंतर नहीं लग रही है, बल्कि प्रबंधन को उनके द्वारा शुल्क का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा दे दिया गया है.

उन्होंने बताया कि उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है. पंजीयन न होने की स्थिति में वे चिकित्सक के रूप में प्रेक्टिस नहीं कर पाएंगे, न ही किसी प्रकार के शासकीय सेवा के लिए पात्र होंगे. विद्यार्थियों ने राज्यपाल से समस्या का समाधान करने का आग्रह किया. इस अवसर पर विद्यार्थीगण एवं पालकगण भी उपस्थित थे.