पटना। राजधानी के श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के गोपाल वाटिका वेस्ट मंदिरी स्थित एक हॉस्टल के कमरे से खुशी कुमारी नाम की छात्रा की बॉडी फंदे से लटकी हुई मिली। खुशी नवादा जिले की रहने वाली थी और पिछले एक साल से पटना में रहकर BPSC परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
फोन कॉल से खुला मामला
हॉस्टल वार्डन के अनुसार सुबह खुशी की मां का फोन आया था। रात में भी कॉल किया गया था, लेकिन मेरे यहां तीन खुशी नाम की छात्राएं रहती हैं। इस वजह से गलतफहमी में मैंने कह दिया कि खुशी कोचिंग गई है। हालांकि, जब सुबह उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया गया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। दरवाजा खोला गया तो खुशी की लाश फंदे से लटकी हुई मिली।
मां ने संचालिका पर लगाया आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही छात्रा की मां मौके पर पहुंची और रोते-बिलखते हॉस्टल संचालिका पर हत्या का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उनकी बेटी को प्रताड़ित कर मौत के लिए मजबूर किया गया है। वहीं, मौके पर पहुंचे परिजन भी आक्रोशित थे। मृतका के पिता ललन प्रसाद चेन्नई में नौकरी करते हैं।
पोस्टमॉर्टम से परिजनों ने किया इनकार
थानेदार प्रभात कुमार ने बताया कि परिजनों की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। साथ ही उन्होंने पोस्टमॉर्टम कराने से भी इनकार कर दिया। जिसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। पुलिस ने घटना को लेकर कहा है कि परिस्थितियों की जांच की जाएगी और अगर परिजन चाहें तो आगे कार्रवाई शुरू की जाएगी।
लगातार बढ़ रहे ऐसे मामले
पटना को लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का हब माना जाता है। हजारों छात्र-छात्राएं यहां रहकर BPSC, UPSC और रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में तनाव, अवसाद और दबाव के कारण आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं।
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