शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश राइफल एसोसिएशन की 24वीं राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ आज रायपुर के माना स्थित शूटिंग रेंज में हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम, इंडियन आर्मी के कमांडर टी.एस. बावा और छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिसोदिया मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी।

डीजीपी ने बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी अरुण देव गौतम ने कहा कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन युवाओं और खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस तरह के आयोजनों से खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरती है और खेलों के प्रति समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में खेलों की असीमित संभावनाएँ छिपी हुई हैं और ऐसे आयोजन नई प्रतिभाओं को सामने लाने का सशक्त माध्यम हैं।

डीजीपी ने आगे कहा कि आने वाले समय में शूटिंग प्रतियोगिता को जिला स्तर तक विस्तार दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक बच्चे इस खेल से जुड़ सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां से निकलने वाली नई प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगी।

सेना के कमांडर ने दी शुभकामनाएं
इंडियन आर्मी के कमांडर टी.एस. बावा ने राइफल एसोसिएशन और खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शूटिंग खेल अनुशासन, धैर्य और एकाग्रता सिखाता है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने हमेशा शूटिंग को महत्व दिया है और इसी के चलते कई बेहतरीन ओलंपियन भी सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और यहां के युवा प्राकृतिक रूप से खेलों के प्रति काफी प्रतिभाशाली हैं। इस प्रतियोगिता से उन्हें अपने हुनर को दिखाने का मंच मिलेगा।
ओलंपिक संघ ने बताया भविष्य का रोडमैप
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिसोदिया ने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय शूटिंग चैंपियनशिप हर साल आयोजित की जाती है और इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आगे मावलंकर चैंपियनशिप में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल छत्तीसगढ़ के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और भविष्य में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ेंगे।

उन्होंने बताया कि स्टेट शूटिंग एसोसिएशन को निर्देश दिए गए हैं कि जिला स्तर पर भी टीमों का गठन किया जाए, ताकि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी सामने आ सकें।
जिंदल ग्रुप का विशेष सहयोग
जिंदल ग्रुप के प्रेसिडेंट प्रदीप टंडन ने बताया कि कई साल पहले ग्रुप ने इस खेल को गोद लिया था। उन्होंने कहा कि आज राज्य के खिलाड़ी लगातार मेहनत कर राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच रहे हैं। वर्तमान में 17 से अधिक जिलों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है और जिले में ही उन्हें अभ्यास की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रदीप टंडन ने कहा कि पुलिस विभाग का भी लगातार सहयोग मिलता रहा है। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी शूटिंग और आर्चरी दोनों में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं और भविष्य में भी इनके राष्ट्रीय स्तर पर चमकने की पूरी संभावना है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश राइफल एसोसिएशन की 24वीं शूटिंग प्रतियोगिता ने न केवल खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है, बल्कि राज्य में खेलों की दिशा और दशा को भी नई ऊर्जा प्रदान की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रतियोगिता से निकलने वाली नई पीढ़ी आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करेगी।
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