भोपाल/रायपुर। प्याज के छिलकों की तरह मध्यप्रदेश में फूटे हनी ट्रैप मामले में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. खबरों की माने तो हनी ट्रैप के छत्तीसगढ़ कनेक्शन में कई बड़े नाम जल्द ही जांच के दायरे में आ सकते हैं. मध्यप्रदेश पुलिस से जुड़े सूत्र इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि मामले की जांच कर रही एसआईटी छत्तीसगढ़ के कई प्रभावशाली लोगों से पूछताछ कर सकती है.
सूत्रों के हवाले से आ रही जानकारी कहती है कि भोपाल-इंदौर से काॅल गर्ल्स लगातार छत्तीसगढ़ आती रही हैं. इस हाईप्रोफाइल रैकेट को चलाने वाली गैंग को एनजीओ के नाम पर करोड़ों रूपए के काम दिए जाते रहे हैं. उच्च पदस्थ सूत्रों के दावों की माने तो पिछली सरकार के एक मंत्री ने हाईप्रोफाइल रैकेट चलाने वाली महिला को ना केवल मोटी रकम दी, बल्कि लंदन दौरा भी उनकी डील में शामिल था, जिसका खुलासा जांच में सामने आए डायरी के पन्नों से होता है. डायरी के पन्ने लल्लूराम डाट काम के पास मौजूद है, हालांकि हम इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करते.
डायरी के पन्नों में पिछली सरकार के तीन मंत्री, दो आईएएस, एक आईपीएस के अलावा एक वरिष्ठ पत्रकार का नाम भी शामिल हैं. इन पूर्व मंत्रियों में से एक का अक्सर मध्यप्रदेश जाना-आना लगा रहता था, लेकिन अन्य दो के नाम आने के पीछे की चर्चा यह है कि मध्यप्रदेश की राजनीति से जुड़े दोस्तों के जरिए यह हनी ट्रैप का शिकार बने. इस पन्ने में पूर्व मुख्यमंत्री के एक ओएसडी के नाम का भी जिक्र मिलता है.
इस पन्ने के सबसे ऊपर लिखा है छत्तीसगढ़ के पंछी. इसके साथ ही हनी ट्रैप में फंसी आरती दयाल, मोनिका यादव के नामों का जिक्र है, जिनसे बड़ी रकम का लेन-देन होना बताया गया है. इधर लल्लूराम डाट काम ने मध्यप्रदेश पुलिस की एसआईटी से संपर्क करने की लगातार कोशिश की है, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
चार आईएफएस के नाम की भी चर्चा
उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि हनी ट्रैप मामले में चार आईएफएस अधिकारियों के नाम का भी जिक्र किया जा रहा है, जिनमें से एक बस्तर में बतौर डीएफओ तैनात रहे हैं. भोपाल-इंदोर से आने वाली काॅल गर्ल्स बस्तर भी जाती रही हैं. सरकारी गेस्ट हाउस के अलावा अधिकारियों के बंगलों में रातें हसीन होने की खबरें हैं. खबर है कि एक पूर्व मंत्री कि सिफारिश पर ही हाई प्रोफाइल रैकेट चलाने वाली गैंग की सरगना के एनजीओ को बस्तर में कई करोड़ रूपए का काम दिया गया था.
बता दें कि इंदौर के पलासिया थाने में 17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने भोपाल की रहने वाली आरती दयाल पर आरोप लगाया था कि उसने उनकी आपत्तिजनक वीडियो बनाई है, जिसके आधार पर वह ब्लैकमेल कर रही है. इस शिकायत के बाद पुलिस ने आऱती दयाल के साथ-साथ मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन समेत कई लोगों की गिरफ्तारी की.
जांच में यह खुलासा हुआ था कि आरोपियों ने कई मंत्रियों, नेताओं और अफसरों को उनके वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया और मोटी रकम वसूली. इस मामले की जांच के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है.