Azerbaijan SCO Membership: चीन के तियानजिन में हुआ एससीओ समिट (SCO Summit) खत्म हो गया है। इस समिट पर मोगी-जिनपिंग-पुतिन की तिगड़ी पर पूरे विश्व पर रही। इस समिट को अमेरका की विश्व राजनीति में दादागीरी खत्म होने वाला माना जा रहा है। हालांकि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) बैठक खत्म होने के बाद कूटनीतिक खींचतान तेज हो गई है। मुस्लिम देश अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि भारत ने उसके पूर्ण सदस्यता आवेदन को रोक दिया है। अजरबैजान ने दावा किया कि पाकिस्तान से नजदीकी की वजह से भारत के उसके खिलाफ यह कदम उठाया है।

यह आरोप ऐसे समय में सामने आया है जब अजरबैजान पाकिस्तान का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। कई बार भारत विरोधी मुद्दों पर उसके साथ खड़ा दिखाई दिया है। हालांकि, भारत की ओर से इस दावे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

दरअसल SCO शिखर सम्मेलन में अजरबैजान डायलॉग पार्टनर के रूप में शामिल हुआ था। अजरबैजानी मीडिया न्यूज़.एजेड की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने इस आवेदन के पक्ष में समर्थन दोहराया, लेकिन भारत ने इसका विरोध किया। रिपोर्ट में भारत के रुख को शंघाई भावना के खिलाफ बताया गया और आरोप लगाया गया कि भारत का यह फैसला अजरबैजान की पाकिस्तान से निकटता से जुड़ा है।

पाकिस्तान ने उठाया बड़ा कदम

इसी बीच पाकिस्तान ने भी अपने कूटनीतिक कदम तेज कर दिए हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने हाल ही में आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान से बातचीत की और दोनों देशों ने आपसी राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल ही में अमेरिका की मध्यस्थता में अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति समझौता हुआ है।

आर्मेनिया से रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान

ध्यान देने वाली बात यह है कि पाकिस्तान लंबे समय से आर्मेनिया का विरोध करता रहा है और अजरबैजान के समर्थन में खड़ा रहा है। वहीं अब पाकिस्तान आर्मेनिया से रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है। अजरबैजानी मीडिया का दावा है कि यह पहल उनके देश के साथ बातचीत के बाद ही हुई है।

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