प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई 3 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इस याचिका में वाराणसी की एमपी-एमएलए अदालत के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत को 2024 की अमेरिकी यात्रा के दौरान सिखों पर दिए गए उनके कथित बयान के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली एक अर्जी पर नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने पारित किया।
नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया था
वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा ने एसीजेएम, वाराणसी की अदालत में एक अर्जी दायर की थी, जिस पर 28 नवंबर, 2024 को सुनवाई के बाद, अदालत ने राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह भाषण अमेरिका में दिया गया था, इसलिए यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हालाँकि, मिश्रा ने इस अस्वीकृति आदेश को वाराणसी की एमपी-एमएलए अदालत में चुनौती दी, जिसने उनके पुनरीक्षण आदेश को स्वीकार करते हुए एसीजेएम को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया था।
सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं
अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान, राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है। उनके बयान को भड़काऊ और विभाजनकारी बताते हुए विरोध प्रदर्शन हुए थे। वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ वाराणसी के सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन जब उन्हें सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने जिला अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अर्जी दाखिल की।
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एसीजेएम ने 28 नवंबर, 2024 को उनकी अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से जुड़ा है और यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मिश्रा ने सत्र न्यायालय (एमपी-एमएलए कोर्ट) में पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसने 21 जुलाई, 2025 को एसीजेएम को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया। अब राहुल गांधी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है। दलील दी गई है कि वाराणसी कोर्ट का आदेश गलत, गैरकानूनी और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। गांधी ने हाईकोर्ट में अपना मामला लंबित रहने तक वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।
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