भारत ने अपनी पहली विक्रम चिप का अनावरण किया. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. इस मंच से उन्होंने देश पर उंगली उठाने वालों को करारा जवाब दिया. खासकर ट्रंप के टैरिफ और डेड इकोनॉमी के बयान पर उन्होंने जोरदार हमला बोला. साथ ही सेमीकंडक्टर के मोर्चे पर दुनिया में अपनी पकड़ बनाने और चीन की मोनोपॉली को तोड़ने का भी संकेत दिया.

मतलब साफ है कि सेमीकॉन इंडिया 2025 के मंच से उन्होंने एक तीर से कई शिकार या कहे चीन और अमेरिका दोनों को इशारों में ही माकूल जवाब दिया. उन्होंने इकोनॉमिक मोर्चे पर बोलते हुए कहा कि टैरिफ की वजह से जिस तरह से दुनियाभर की बड़ी इकोनॉमी पर संकट देखने को मिल रहा है और इकोनॉमिक ग्रोथ एक तरह से रुक गई है. वहीं भारत ने उन देशों के मुकाबले में इस मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है. दुनिया भारत पर विश्वास करती है. दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है. सेमीकंडक्टर की दुनिया में, तेल को अक्सर काला सोना कहा जाता है, जबकि चिप्स को डिजिटल हीरा माना जाता है. इन बातों के कई मायने हैं. हाल ही में उन्होंने जापान की यात्रा की. जहां पर उनका फोकस सेमीकंडक्टर ही रहा.

अमेरिका को पीएम मोदी का करारा जवाब

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को डेड इकोनॉमी के कटाक्ष का परोक्ष रूप से खंडन करते हुए कहा कि भारतीय इकोनॉमी पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी और वैश्विक अनिश्चितताओं एवं आर्थिक स्वार्थ से प्रेरित चुनौतियों के बीच सभी अनुमानों को पार कर गई है. सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून में जीडीपी ग्रोथ हर उम्मीद, आशा एवं अनुमान से बेहतर रही. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने यह आर्थिक प्रदर्शन वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक स्वार्थ से उपजी चुनौतियों के बीच किया है. मोदी ने कहा कि एक बार फिर, भारत ने हर उम्मीद, हर अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक स्वार्थ से प्रेरित चिंताओं एवं चुनौतियों का सामना कर रही हैं. ऐसे में भारत ने 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा सेमीकंडक्टर प्रयास केवल चिप निर्माण तक सीमित नहीं है; हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो भारत को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाएगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत अब बैकएंड से आगे बढ़कर एक फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है. वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़े बदलाव की नींव रखेगी. हमारी यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब हमें कोई नहीं रोक सकता.

अमेरिका और चीन से कहीं आगे

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि यह वृद्धि सभी क्षेत्रों मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, एग्रीकल्चर और निर्माण में दिखाई दे रही है. हर जगह उत्साह साफ दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की तेज वृद्धि सभी उद्योगों और हर नागरिक में नई ऊर्जा का संचार कर रही है. मोदी ने जोर देकर कहा कि वृद्धि की यह गति भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर कर रही है.

प्रधानमंत्री ने चुनौतियों के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा लेकिन उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूसी तेल की खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने के कुछ दिनों बाद आया है. इससे भारत पर कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है जो दुनिया में सबसे अधिक है. ट्रंप ने शुल्क लगाने से पहले भारत की अर्थव्यवस्था को डेड करार दिया था.

भारत पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के साथ-साथ 2024-25 (वित्त वर्ष अप्रैल 2024 से मार्च 2025) और उसके बाद के वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी बना हुआ है जिसने चीन को काफी पीछे छोड़ दिया है. अप्रैल-जून में अमेरिकी इकोनॉमी 3.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी. अमेरिकी अधिकारियों ने हाल के दिनों में रूसी तेल की निरंतर खरीद को लेकर भारत की आलोचना करने के लिए अनावश्यक रूप से कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है.

चिप में बढ़ेगी भारत की ताकत

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सदी को तेल ने आकार दिया था, और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से जुड़ा था. लेकिन 21वीं सदी में, शक्ति छोटी चिप में केंद्रित है. छोटी होने के बावजूद, इस चिप में दुनिया की प्रगति को तीव्र गति से चलाने की ताकत है. यही कारण है कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट, जो पहले से ही 600 अरब डॉलर का है, आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगा. जिस तरह से भारत ग्रो कर रहा है, उससे देश इस 1 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखने वाला है.

यह शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री द्वारा सेमीकंडक्टर सेक्टर की अग्रणी जापानी कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड का दौरा करने के बाद हो रहा है. इस दौरे में प्रधानमंत्री ने भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम और इस क्षेत्र में जापान की क्षमताओं के बीच पूरकता पर प्रकाश डाला. टीईएल मियागी की अपनी यात्रा के बाद, मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर सेक्टर भारत-जापान सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है.

भारत का बढ़ता सेमीकंडक्टर बाजार

रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक दोगुने से भी अधिक बढ़कर 100-110 अरब डॉलर के दायरे में पहुंच जाएगा. बयान में उद्योग के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट 2024-2025 में लगभग 45-50 अरब डॉलर का होगा, जबकि 2023 में यह 38 अरब डॉलर का था.

बयान में कहा गया है कि उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट का आकार 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर, 2024-2025 में 45-50 अरब डॉलर और 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है.

बता दें कि, ताइवान दुनिया के 60 फीसदी से ज्यादा सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन करता है, जिसमें लगभग 90 % सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर शामिल हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका, ईयू, जापान और दक्षिण कोरिया ने घरेलू चिप निर्माण को समर्थन देने और किसी एक सेक्टर पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए राष्ट्रीय रणनीतियां शुरू की हैं. ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें भारत का बाजार इसका एक बड़ा हिस्सा होगा.

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