किशनगंज। जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया है। मामला तारवानी सोप इंडस्ट्रीज के डुप्लीकेट साबुन से जुड़ा है। पुलिस को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि जिले के ग्राम पीपला में स्थित एक फैक्ट्री में तारवानी सोप इंडस्ट्रीज के नाम पर नकली साबुन तैयार किया जा रहा है।

पुलिस की छापेमारी

एक सितंबर को किशनगंज थाना प्रभारी ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर छापेमारी की। छापे के दौरान फैक्ट्री का नाम शाइन सोप इंडस्ट्रीज निकला। यहां बड़ी मात्रा में तारवानी कंपनी के उत्पाद बोस्की साबुन की हुबहू नकल तैयार की जा रही थी। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नकली साबुन, रैपर और उत्पादन में इस्तेमाल की जा रही मशीनें बरामद कीं। पुलिस ने तुरंत फैक्ट्री को सील कर दिया और फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए।

उपभोक्ताओं के साथ छलावा

बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री लंबे समय से सक्रिय थी और नकली साबुन को बाजार में असली बताकर बेचा जा रहा था। यह न केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी थी, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर सकती थी। नकली उत्पाद अक्सर घटिया क्वालिटी के केमिकल से बनाए जाते हैं, जो स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।

पुलिस ने बरामद किया बड़ा माल

छापेमारी के दौरान जो सामग्री जब्त की गई उसमें शामिल हैं नकली ‘बोस्की’ साबुन की दर्जनों खेप, ब्रांडेड कंपनी के नाम से छपे रैपर, साबुन बनाने और पैकिंग की मशीन, पैकेजिंग के अन्य उपकरण, फैक्ट्री संचालक से पूछताछ जारी है और पुलिस ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी।

कंपनी की साख को नुकसान

तारवानी सोप इंडस्ट्रीज लंबे समय से उपभोक्ताओं के बीच विश्वसनीय नाम रहा है। लेकिन नकली उत्पादों के कारण न सिर्फ कंपनी की ब्रांड वैल्यू को नुकसान होता है, बल्कि असली कंपनी को भारी आर्थिक हानि भी झेलनी पड़ती है। कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस की सख्ती और आगे की कार्रवाई

थाना प्रभारी ने कहा कि यह कार्रवाई उपभोक्ता हित में की गई है और भविष्य में भी नकली सामान बनाने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कानूनी धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

नकली उत्पादों का नेटवर्क

बाजार में नकली साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और अन्य दैनिक उपयोग की चीजों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। ये उत्पाद दिखने में असली जैसे होते हैं, लेकिन क्वालिटी और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते। पुलिस की कार्रवाई से ऐसे गिरोहों पर बड़ी चोट पहुंची है।