सोहराब आलम/मोतिहारी। बिहार की राजनीति में आज एक बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है। गोविंदगंज विधानसभा सीट से पूर्व विधायक मीना द्विवेदी ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस फैसले ने न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी को झटका दिया है बल्कि एनडीए गठबंधन की स्थिरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
मीना द्विवेदी ने अपने इस्तीफे का कारण पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा को बताया है। उन्होंने साफ कहा कि न तो उन्हें और न ही उनके समर्थकों को जदयू में कोई सम्मान या भूमिका दी जा रही थी। यही कारण है कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।
परिवार का नीतीश कुमार से पुराना नाता
मीना द्विवेदी का परिवार समता पार्टी के समय से ही नीतीश कुमार के करीबी रहा है। उनके परिवार से तीन बार विधायक चुने गए हैं 1995 में देवेंद्र नाथ दूबे 1998 में भूपेंद्र नाथ दूबे और 2005 से 2015 तक खुद मीना द्विवेदी ने गोविंदगंज से विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया है।
लेकिन 2015 के बाद जब यह सीट एनडीए के घटक दल के खाते में चली गई तभी से मीना द्विवेदी पार्टी से भीतर ही भीतर नाराज चल रही थीं।

जनसुराज में शामिल होने की संभावना
सूत्रों के अनुसार मीना द्विवेदी अब प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जनसुराज अभियान से जुड़ सकती हैं। यह कयास इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि वे हाल के दिनों में जनसुराज की गतिविधियों पूर्व विधायक रुचि दिखाती नजर आई हैं। अगर वे जनसुराज में शामिल होती हैं तो यह पूर्वी चंपारण में जदयू के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।
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