रायपुर। आज शनिवार को श्राद्ध तपर्ण का आखिरी दिन है. पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ इस दिन श्राद्ध पक्ष खत्म हो जाता है. जो लोग अपने पितरों की पुण्यतिथि भूल गए हैं उनका आज अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है. इस दिन श्राद्ध करने से भूल से या किसी कारणवश छूटे हुए श्राद्धों का भी पुण्य प्राप्त हो जाता है. इसीलिये अमावस्या श्राद्ध को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस बार खास बात यह है कि पितृ पक्ष में शनिवार के दिन अमावस्या का योग बहुत ही सौभाग्यशाली है.
पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने की विधि
इस अमावस्या को श्राद्ध करने के पीछे मान्यता है कि इस दिन पितरों के नाम की धूप देने से मानसिक व शारीरिक तौर पर तो संतुष्टि या शांति प्राप्त होती ही है, साथ ही घर में भी सुख-समृद्धि आती है. सर्वपितृ अमावस्या को सुबह स्नानादि के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिये. इसके पश्चात घर में श्राद्ध के लिये बनाये गये भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिये भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिये. इसके पश्चात श्रद्धापूर्वक पितरों से मंगल की कामना करनी चाहिये. ब्राह्मण या किसी गरीब जरूरतमंद को भोजन करवाना चाहिये व सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी देनी चाहिये। संध्या के समय अपनी क्षमता अनुसार दो, पांच अथवा सोलह दीप भी प्रज्जवलित करने चाहियें.
तिथि व श्राद्ध कर्म मुहूर्त
- सर्वपितृ अमावस्या तिथि – 28 सितंबर 2019, शनिवार
- कुतुप मुहूर्त – 11:48 से 12:35
- रौहिण मुहूर्त – 12:35 से 13:23
- अपराह्न काल – 13:23 से 15:45
- अमावस्या तिथि आरंभ – 03:46 बजे (28 सितंबर 2019)
- अमावस्या तिथि समाप्त – 23:56 बजे (28 सितंबर 2019)
यदि कोई सम्पूर्ण तिथियों पर श्राद्ध कर पाने में सक्षम न हो, तो वह भी इस तिथि पर श्राद्ध कर सकता हैं