सत्या राजपूत, रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है. व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच अब पुलिस करेगी. विभागीय जांच में गड़बड़ी साबित होने के बाद शिक्षा विभाग ने पुलिस को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस मामले में शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा, भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. व्यावसायिक शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की जांच के लिए पुलिस को निर्देशित कर दिया गया है. बता दें कि इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम लगातार उठाता आ रहा है. पुलिस जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय है.

शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने मंत्रालय में आज समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली, जिसमें व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में सबसे अधिक शिकायतें आने पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में किसी भी प्रकार का लेन-देन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी. गड़बड़ी की जांच पुलिस से जांच के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने कहा – बच्चों को मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

बैठक में राज्य में संचालित शैक्षणिक योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा की गई. मंत्री यादव ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है. इसके लिए सभी अधिकारियों को गंभीरता और जिम्मेदारी से कार्य करना होगा. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों में वृद्धि एवं आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. मंत्री यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें ढिलाई, भ्रष्टाचार और गैर-जिम्मेदारी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी. बैठक में समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.

भ्रष्टाचार और लापरवाही पर शिक्षा मंत्री सख्त

शिक्षा मंत्री यादव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी. विद्यार्थियों को वितरित की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता सर्वोच्च स्तर की होनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि घटिया या निकृष्ट सामग्री देने वाले आपूर्तिकर्ताओं को काली सूची में डाला जाए. उन्होंने वित्तीय अनुशासन पर बल देते हुए कहा कि बजट का समुचित एवं समय पर उपयोग किया जाए और उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को समय पर भेजा जाए, ताकि अनुदान की आगामी किस्त समय पर राज्य को प्राप्त हो सके.

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवाचार पर दिया जोर

बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी दी. मंत्री यादव ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवाचार और तकनीकी उपयोग पर बल दिया. उन्होंने कहा कि स्मार्ट कक्षाएं, डिजिटल अधिगम, विज्ञान प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए, ताकि विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा पद्धति से लाभान्वित हो सकें. साथ ही उन्होंने ऑनलाइन पाठ्यक्रम, डिजिटल अध्ययन सामग्री और शैक्षणिक अनुप्रयोगों के उपयोग से शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने के निर्देश दिए.

बैठक में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों में शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ व्यावसायिक कौशलों के विकास, उन्हें रोजगार उन्मुख बनाने, समावेशी शिक्षा, बलवाड़ी, खेल एवं शारीरिक शिक्षा, वार्षिक शाला अनुदान, निपुण भारत मिशन, शाला त्यागी बच्चों की पुनर्वापसी, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, प्रधानमंत्री विद्यालय, विद्या समीक्षा केंद्र, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान और रजत जयंती समारोह से जुड़ी गतिविधियों की भी विस्तृत समीक्षा की गई.

छात्रावासों और पोटाकेबिनों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश

मंत्री यादव ने छात्रावासों, कन्या छात्रावासों और पोटा केबिनों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. हाल ही में पाकेला (छिंदगढ़ विकासखण्ड) के पोटा केबिन में भोजन में ज़हरीला पदार्थ मिलाने की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं शासन की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है इसलिए जिम्मेदारी और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.