रायपुर। कवर्धा में प्रदर्शन के बाद भाजपाईयों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत पुलिस द्वारा अपराध दर्ज किये जाने पर प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर उनसे गुहार लगाई है. राज्यपाल अनुसुईया उइके को भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच करने और दर्ज की गई धाराओं को हटाने की मांग की है. 

भाजपा नेताओं ने जो ज्ञापन सौंपा है उसमें उन्होंने लिखा है, “गत 24 सितम्बर 2019 को जिला कबीरधाम के विकासखंड मुख्यालय पंडरिया में। किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर ग्रामीण – कृषक तथा भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता रैली के स्वरूप में जाकर एसडीएम पंडरिया को ज्ञापन सौंपना चाहते थे. जिसकी पूर्व सूचना प्रशासन को थी. जनसमूह के एसडीएम कार्यालय पहुंचने के उपरांत जब एसडीएम ने ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया तब आकोशित कृषकों और युवाओं ने ज्ञापन के प्रति वहीं जलाकर नारेबाजी की. किसी भी प्रकार के जन-धन की हानि नहीं होने के कारण पुलिस प्रशासन ने एफआईआर करने से मना कर दिया. तब प्रशासन के अधिकार नायब तहसीलदार पंडरिया द्वारा रात 12 बजे के बाद थाने में बैठक कर नामजद 11 तथा अन्य लोगों के नाम से एफआईआर करवाया गया.”

ज्ञापन में आगे लिखा है, “जनआंदोलन की पूर्व सूचना के उपरांत भी लोगों पर आईपीसी की धारा 353 जो कि गैर जमानती लगाया गया साथ ही आईपीसी की धारा 147, 447 तथा 186 लगाया गया तथा सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि प्रशासन को आईपीसी से आगे बढ़कर अधिनियमों से धाराएं खोजनी पड़ी और सरकारी संपत्ति विरूपन अधिनियम 1984 की धारा 3 के अंतर्गत अपराध दर्ज कर इसे संज्ञेय बनाया गया. यदि विपक्ष की आवाज को तथा ग्रामीण कृषकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का इस तरह दमन किया जायेगा तो जनमानस समूचे प्रदेश में भयाकांत हो जावेगा. आपसे निवेदन है कि उक्त प्रकरण की पुनः जॉच और अनावश्यक लगे धाराओं के विलोपन हेतु आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करें.”