अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्यप्रदेश की सियासत में 7 सितंबर बेहद गरम होने जा रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री मोहन यादव देवतालाब में विकास कार्यों की सौगात देंगे, तो वहीं दूसरी ओर मऊगंज में कांग्रेस के पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं। प्रेसवार्ता में प्रशासन पर जनता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने बड़ा जन आंदोलन का ऐलान किया है।

17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था

दरअसल, 1 सितंबर को पूर्व विधायक ने प्रशासन को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था, जिसमें किसानों की समस्याएं, अस्पतालों की बदहाली, बढ़ते अपराध, गौशालाओं के बावजूद सड़कों पर घूमते आवारा पशु और उससे हो रहे एक्सीडेंट्स, बाढ़ पीड़ितों को मुआवज़ा ना मिलना, नगर परिषदों और जनपद कार्यालयों में फैला भ्रष्टाचार, पत्रकारों पर दर्ज फर्जी एफआईआर जैसे गंभीर मुद्दे शामिल थे।

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खुद कलेक्टर और एसपी को मौके पर पहुंचना पड़ा

पूर्व विधायक का आरोप है कि प्रशासन ने इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टा कलेक्टर ज्ञापन लेने तक नहीं पहुंचे, जिससे नाराज होकर बन्ना समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि खुद कलेक्टर और एसपी को मौके पर पहुंचना पड़ा। उस दिन 7 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था, जो अब खत्म हो रहा है। पूर्व विधायक ने साफ कर दिया है- प्रशासन ने न जवाब दिया, न समाधान किया, अब हम जनता के साथ आंदोलन करेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा है लेकिन उबाल लेती नाराजगी ने अफसरों की चिंता बढ़ा दी है।

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