जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदायों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच बातचीत के लिए समर्थन जताया है. मौलाना मदनी ने संवेदनशील धार्मिक मुद्दों पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणियों का स्वागत किया.
मदनी ने ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा-काशी विवाद पर भागवत की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की बातचीत को मान्यता मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे किंतु-परंतु हैं… मेरे संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि बातचीत होनी चाहिए. मतभेद हैं, लेकिन हमें उन्हें कम करने की जरूरत है. हम बातचीत के सभी प्रयासों का समर्थन करेंगे. आरएसएस प्रमुख ने ज्ञानवापी और मथुरा काशी पर जो बयान दिया है, मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के उनके प्रयासों की प्रशंसा और सराहना की जानी चाहिए. हम हर तरह की बातचीत का समर्थन करेंगे.’
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इसके अलावा मदनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ‘भारत को ऊंचा और मजबूत खड़ा होना चाहिए, हम ‘आधी रोटी’ खाएंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं… कोई समझौता नहीं होना चाहिए, अगर कोई समझौता होता भी है, तो वह बराबरी की शर्तों पर होना चाहिए… हम टैरिफ पर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपनाए गए रुख का समर्थन करते हैं’.
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