राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश के शिक्षकों को चौथा क्रमोन्नति वेतनमान मिलेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में यह घोषणा की है। सीएम ने कहा कि इससे 117 करोड़ का अतिरिक्त भार सरकार पर आएगा लेकिन इसमें भी हमें आनंद की अनुभूति होगी। सरकार शिक्षकों के लिए हमेशा बेहतर काम करेगी।

भविष्य के राजा को जमीन से भी परिचित कराना

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने 14 शिक्षकों का सम्मान किया। इन्हें 25 हजार रुपए की सम्मान निधि, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र दिए गए।मुख्यमंत्री ने कहा- गुरु के दो सबसे बड़े उदाहरण है। गुरु विश्वामित्र भगवान श्रीराम को महल से ले गए यदि वो न आते तो क्या होता। भाभी पीढ़ी का भविष्य देखते हुए गुरु ने युवा हो रहे राजकुमारों को मांगा, सेना या सेनाध्यक्ष को नहीं मांगा। न सैनिक मांगे, न रथ मांगे। गुरु ने रथ इसलिए नहीं लिया क्योंकि भविष्य के राजा को जमीन से भी परिचित कराना था। गुरु ऐसा ही होता है।

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देश की सुरक्षा के लिए मोदी भी सुदर्शन चक्र बना रहे

राक्षसों को मारने के बाद शिष्यों को वापस नहीं लेकर आए बल्कि धनुषयज्ञ में ले गए, ये है गुरु की महत्ता। कंस को मारने के बाद श्रीकृष्ण सांदीपनि आश्रम आए। परशुराम जी ने कृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया। मोदी जी भी सुदर्शन चक्र बना रहे हैं देश की सुरक्षा के लिए। मशीनें कोई भी बना सकता है लेकिन संस्कार शिक्षक ही दे सकते हैं। बालक से शंकराचार्य भी मप्र में ही बने, मप्र की ऐसी धरती है।

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