वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के भूपेश बघेल को पीसीसी अध्यक्ष बनाने से जुड़े बयान को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज है. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने शुक्रवार को फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ता और चमचों के बीच जमीन आसमान का अंतर बताया है. वहीं उन्होंने चमचों की तुलना सांप और बिच्छू से की है.

बिलासपुर में आज कांग्रेस की बड़ी बैठक आयोजित हुई. बैठक में 9 सितंबर को शहर में होने वाले “वोट चोर, गद्दी छोड़” प्रदर्शन की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस रणनीतिक बैठक में प्रदर्शन की रूपरेखा, जनआक्रोश जगाने की रूपरेखा और प्रचार योजनाएं तैयार की गईं. इसमें प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे.

कार्यकर्ता और चमचों में जमीन-आसमान का फर्क : नेता प्रतिपक्ष महंत

नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि कार्यकर्ता और चमचों में जमीन-आसमान का फर्क होता है. कार्यकर्ता अपने संगठन के लिए जमीनी स्तर पर काम करता है और अपने क्षेत्र के साथियों को आगे बढ़ाने में जुटा रहता है. उसमें एक संस्कार होता है. असली कार्यकर्ता अपने नेता को सही सलाह भी देता है और जरूरत पड़ने पर सिखाता भी है. इसके विपरीत, चमचे हमेशा आसमान में उड़ते हैं, उनके पांव जमीन पर नहीं होते. जब नेता गलती करता है तो वे कभी उसे बताते नहीं, न ही नेता के डूबने की चिंता करते हैं. उनका ध्यान सिर्फ अपने स्वार्थ पर टिका होता है. चमचों का एक अलग ही तंत्र होता है और उनकी कई श्रेणियां होती हैं. कुछ खुद और कुछ दूसरों के इशारे पर अपने ही नेता को हराने में लग जाते हैं.

उन्होंने कहा कि नेताओं को चमचों के चक्कर में न रहने की सलाह दी गई है. ऐसे लोग बिना मतलब की गलत सलाह देते हैं. उनकी सलह पर चलें तो फिसल जाएंगे. महंत ने तंज कसते हुए कहा कि आज जितनी संख्या में सांप और बिच्छू हैं, उतनी ही संख्या में चमचे भी मौजूद हैं.

ड्रग्स सप्लाई मामले पर नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान

हाईप्रोफाइल पार्टीज में ड्रग्स सप्लाई मामले पर नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार बदनाम हो रहा है. प्रदेश में ड्रग्स बहुत तेजी से फैल रहा है. क्लबों से लेकर गांव तक ड्रग्स उपलब्ध हो रहा है. उन्होंने दावा करते हुए कि उनके गांव में भी उपलब्ध है. बहुत सस्ते दामों पर टैबलेट के रूप में नशा बिक रहा है. बीजेपी सरकार को इस पर गंभीरता से काम करना चाहिए. इस मामले में चाहे कोई कांग्रेसी का हो या बीजेपी का, जो भी शामिल होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

14 मंत्रियों की नियुक्ति पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा कि संविधान के 164 ए में लिखा है. किसी भी राज्य में 15% से ज्यादा मंत्री नहीं होंगे. और इसके पहले जब छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव का मामला आया था. तब हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा था कि 13 से ज्यादा मंत्री नहीं होंगे. “नॉट मोर देन दैट” उसका मतलब यह है कि 13.5 को आप 14 नहीं बना सकते 13.95 को अपने 14 समझा है. यह गलत है. और असंवैधानिक है.

अमेरिका के साथ संबंधों और टैरिफ पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमेरिका प्रेसिडेंट में कुछ दरारें आ गई हैं.

सीएम के विदेश दौरे पर कसा तंज

सीएम के विदेश दौरे पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा कि सीएम के साथ दौर में गए ऐसे कितने अधिकारी थे जो रिटायर हो चुके हैं, या रिटायर होने वाले हैं. जो आदमी रिटायर हो चुका है उसकी सेवा अवधि आपने बढ़ाई है. उसको आप और कितना बढ़ने वाले हैं. क्या बाकी बचे जो साढ़े 3 साल हैं. तब तक वह व्यक्ति रहेगा. क्या वह जो सीख कर आया है. वह काम करेगा. और जिस ढंग से आप जापान गए. वहां से कितना निवेश लेकर आप आए हैं यह 6 महीने में देखा जाएगा.

नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने बदहाल सड़क पर सुनवाई के मामले पर कहा कि सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं. बल्कि देश में जहां-जहां भाजपा की सरकार है. वहां के हाईकोर्ट और वहां के न्यायाधीश स्वतः संज्ञान लेकर कुछ-कुछ कार्रवाई कर रहे हैं. और देख रहे हैं कि सरकार जनहित में काम नहीं कर रही.

पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर महंत का बयान

बिहार में अपशब्दों के प्रयोग पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा कि मंच में कोई भी उल्टा सीधा आदमी चढ़ गया होगा. उसका दोष कांग्रेस पर नहीं लगाया जा सकता. गाली देने वालों को पकड़ लिया गया है. लेकिन यह तय नहीं है कि वह कांग्रेस पार्टी का है या किसी अन्य पार्टी का है.

वोट चोरी पर EC की भूमिका पर बोले महंत

वोट चोरी पर चुनाव आयोग कि भूमिका पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास मंहत ने कहा कि वोट चोरी वही कर रहे हैं, जिनको वोट चोरी करने से फायदा हो रहा है. भाजपा कर रही है. लेकिन इलेक्शन कमीशन जिस ढंग से कम कर रही है. फैसला ले रही है. हमारे किसी बात को सुन नहीं रही है. महाराष्ट्र का हम उदाहरण दे रहे हैं. वहां का वोटर लिस्ट मांग रहे हैं. वह भी नहीं दे रही है.

ईवीएम की भूमिका पर मंहत ने कहा कि ईवीएम का मामला अभी भी है. इसके माध्यम से वोट चोरी होते हैं. इसके माध्यम से वोट बदल दिए जाते हैं. इसके माध्यम से हमारे अधिकार कुचले जाते हैं. आज भी यह मामला जिंदा है. और आज भी हम इसके खिलाफ हैं. और हम चाहते हैं कि डायरेक्ट बैलेट पेपर से चुनाव हो.