पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच घमासान तेज हो गया है। शुक्रवार को, लालू यादव के बड़े बेटे और राजद के नेता तेजप्रताप यादव ने तीसरे फ्रंट की घोषणा की। उन्होंने इस गठबंधन का नाम ‘बिहार गठबंधन’ रखा, जिसमें राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य) समेत कई छोटे दल शामिल हैं। तेजप्रताप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि यह गठबंधन तेजप्रताप यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ेगा। सभी दल एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) पर चुनाव लड़ेंगे, जिसका उद्देश्य बिहार की भलाई करना है।

तेजस्वी यादव पर जदयू का हमला

इस बीच, जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। नीरज कुमार ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए तेजस्वी यादव को Total Egotistic यानी पूरा अहंकारी करार दिया। इसके अलावा, नीरज कुमार ने कहा कि बिहार को ‘बिहार चाहिए, ड्रामा नहीं’। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया और बिहार के लोगों के हितों को नजरअंदाज किया।

तेजस्वी यादव ने भाजपा और जदयू से पूछे 10 सवाल

इस सबके बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार से 10 महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि बीते 20 वर्षों की नीतीश कुमार सरकार और 11 वर्षों की डबल इंजन सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों का जीवन बर्बाद कर दिया है। तेजस्वी ने पूछा कि बिहार की स्थिति में सुधार क्यों नहीं हुआ, जबकि यह दोनों सरकारें लगातार सत्ता में रही हैं।

बिहार को विकास चाहिए, नौटंकी नहीं

तेजस्वी के सवालों का जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर पलटवार किया। नीरज कुमार ने कहा कि:

बिहार को सबसे गरीब राज्य बनाने का श्रेय ‘लालू-राबड़ी के जंगल राज’ को जाता है, जहां भ्रष्टाचार ने राज्य को तबाह कर दिया।

महिलाओं की असुरक्षा की स्थिति भी ‘रजवाड़ी शासन’ में पाई गई, जब कानून का राज नहीं था। आज महिलाएं बिना डर के बाहर निकलती हैं।

स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत भी खराब थी, जहां अस्पतालों में मरीजों की जगह कुत्ते घूमते थे।

अपराध की बढ़ोतरी और गुंडा-राज लालू राज में शुरू हुआ था, जब अपराधी खुलेआम सड़कों पर घूमते थे।

भ्रष्टाचार की नींव भी लालू राज में रखी गई, जब चारा घोटाले जैसे बड़े मामले सामने आए थे।

बेरोजगारी और पलायन की समस्या भी ‘जंगल राज’ से ही उत्पन्न हुई।

शिक्षा और स्कूल भवनों की कमी भी लालू राज की देन थी, जहां शिक्षा का बजट नेताओं की जेब में जाता था। अब हालात बेहतर हैं और शिक्षकों की बहाली भी हो रही है।

उद्योगों की कमी और निवेशकों का डर भी लालू शासन के कारण था, लेकिन अब धीरे-धीरे उद्योगों का आगमन हो रहा है।

शिक्षा व्यवस्था की बदहाली और गुंडागर्दी का माहौल भी लालू के शासन का परिणाम था, जहां पढ़ाई के बजाय राजनीति सिखाई जाती थी।

बिहार में चुनावी माहौल गरमाया

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। सभी दल अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला रहे हैं। तेजस्वी यादव और नीरज कुमार के बीच की यह बहस केवल बिहार की राजनीति को और भी दिलचस्प बना रही है।

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