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रायपुर। आदिवासी वर्ग के विकास के लिए संविधान में किए गए विभिन्न प्रावधानों का लाभ समाज के अंतिम छोर के व्यक्तियों तक पहुंचाने में आदिवासी समाज के सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. राज्यपाल अनुसुईया उइके ने यह बात रविवार को राजभवन में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवा विकास संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कही.
राज्यपाल उइके ने संघ के प्रांताध्यक्ष आरएन ध्रुव के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना और यथासंभव उनका निराकरण करने की बात कही. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वे समाज के जागरूक व्यक्ति हैं, इसलिए आदिवासी समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को संविधान में किए गए प्रावधानों और शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रति उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है.
उन्होंने कहा कि वे केवल ज्ञापन सौंप कर अपने कर्तव्यों का इतिश्री न समझें बल्कि उन समस्याओं के निराकरण के लिए सतत प्रयास करते रहें और संबंधित अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को बीच-बीच में याद दिलाते रहें. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की समस्याओं को आदिवासी मंत्रणा परिषद के सदस्यों के ध्यान में भी लाएं ताकि मंत्रणा परिषद की बैठक में उन पर आवाज उठाई जा सके. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के भी ध्यान में लाएं.
उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों से कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी जिनकी पदोन्नति नहीं हुई हो और कनिष्ठ वर्ग के लोगों की पदोन्नति हो गई हो ऐसे प्रकरणों की उन्हें जानकारी दें. राज्यपाल ने बताया कि विभिन्न प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों द्वारा ध्यान में लाई गई अनेक समस्याओं को वे मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान में लाए हैं.
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले के विरूद्ध शीघ्र कार्रवाई करने के संबंध में आदिवासी समाज की ओर से न्यायालय में रिट याचिका लगाने का सुझाव दिया गया. इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, राजभवन के कन्ट्रोलर हरवंश सिंह मिरी और छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के सभी 27 जिलों के जिलाध्यक्ष और महासचिव उपस्थित थे.