रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों को आरक्षण उपलब्ध कराया है. अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण छत्तीसगढ़ में मिल रहा है.
राज्य की कांग्रेस सरकार न केवल अलग-अलग वर्गों को उनके हक के अनुरूप आरक्षण उपलब्ध करा रही है बल्कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र भी सरलता से प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया गया है.
शासन के ध्यान में यह बात आई है कि छत्तीसगढ़ राज्य में निवासरत अनेक आवेदकों को उनके पूर्व के अभिलेखों में उनकी जाति स्पष्ट रूप से अंकित नहीं होने एवं उनके विभिन्न शैक्षणिक तथा राजस्व अभिलेखों में अधिसूचित वास्तविक जाति के स्थान पर ‘धर्म’ का नाम अंकित होने के कारण सही जाति प्रमाण पत्र बनवाने में बहुत कठिनाई हो रही है। कई आवेदकों के पास ऐसे कोई दस्तावेजी साक्ष्य – अभिलेख भी उपलब्ध नहीं है.
आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही दिक्कतों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह के हस्ताक्षर से परिपत्र दिनांक 17.09.2019 को जारी कर समस्त कलेक्टर, समस्त आयुक्त नगर पालिक निगम, समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद / नगर पंचायत का निदा किया गया है कि नगरीय प्रशासन विभाग के परिपत्रों का पालन कड़ाई से सुनिश्चित जाए.
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की मंशा के अनुरूप जाति प्रमाण पत्र बनाने में सरलता के लिए छत्तीसगढ़ शासन के नवीन निर्देश से आवेदकों को बड़ी राहत मिलेगी. तथा अलग-अलग वर्गों को उनके लिए प्रदाय किए गए आरक्षण का लाभ मिलने से वंचित नहीं होना पड़ेगा.