Pitra Dosh Effects: हिंदू धर्म में पितृ दोष को अत्यंत गंभीर माना गया है. मान्यता है कि जब पूर्वजों की आत्माएं अप्रसन्न होती हैं, तो वंशजों के जीवन में कष्ट, बाधाएं और दुर्भाग्य बढ़ जाता है. खासकर श्राद्ध पक्ष में अगर श्रद्धा, नियम या कर्मकांड में जरा-सी भी चूक हो जाए, तो इसका प्रभाव केवल एक व्यक्ति पर ही नहीं, बल्कि पूरे वंश पर पड़ सकता है. ऐसी भूलें स्वास्थ्य समस्याओं, संतान सुख में विलंब, आर्थिक परेशानियों और पारिवारिक कलह का कारण बनती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष से ग्रसित जातक के जीवन में बार-बार असफलता और मानसिक तनाव हावी हो सकता है.

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Pitra Dosh Effects
Pitra Dosh Effects

इस समय अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं (Pitra Dosh Effects)

श्राद्ध पक्ष वह समय है जब पितृ धरती पर आकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. यदि उन्हें उचित तर्पण, जल अर्पण और श्रद्धा न मिले, तो वे अप्रसन्न होकर दोष का कारण बन जाते हैं. यही कारण है कि पितृ पक्ष में की जाने वाली हर पूजा, दान और अनुष्ठान अत्यंत सावधानी और विधि-विधान से करना चाहिए.

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श्राद्ध पक्ष में करेंगे उपाय (Pitra Dosh Effects)

  1. पितृ पक्ष में जल अर्पण और पिंडदान अवश्य करें.
  2. ब्राह्मणों, गरीबों और गायों को भोजन कराएं.
  3. रोज़ सूर्योदय के समय काले तिल मिलाकर जल अर्पण करें.
  4. श्राद्ध के समय सात्विक भोजन करें और नियमों का पालन करें.
  5. वस्त्र, अन्न, दक्षिणा और जरूरत का सामान दान करें.

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