सत्यपाल सिंह, रायपुर. अंतर्राष्ट्रीय बस टर्मिनल का लोकार्पण टल गया है. बस टर्मिनल रावणभांठा मैदान के पास दूधाधारी मठ की जमीन पर बनी है. मठ के ट्रस्टियों ने एमओयू के शर्तों का पालन नहीं किए जाने का विरोध किया है. ट्रस्टियों ने कहा कि जब तक एमओयू का पालन नहीं होगा, तब तक उद्घाटन नहीं होगा.समझौते के लिए निगम अधिकारियों और ट्रस्टियों के बीच बातचीत हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला.

इस मामले में ट्रस्टियों का कहना है कि जो एमओयू हुआ था, उसके शर्तों का पालन नहीं किया गया. इस वजह से जमीन निगम को हस्तांतरित नहीं किया. नियमों को ताक में रखकर निगम ने 50 करोड़ का बस टर्मिनल खड़ा कर दिया है.

ट्रस्टियों ने कहा कि वहां दुकान को लेकर निगम के अधिकारी उन्हें भ्रमित कर रहे हैं इसलिए उनसे अब कोई चर्चा नहीं की जाएगी. राज्य शासन के बड़े अधिकारी चर्चा करते हैं तो ठीक है.

महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि उनका विरोध जायज़ है. 2007 के बाद तत्कालीन सरकार ने एमओयू  के अनुरूप जो तय हुआ था उसको नहीं किया है, जो निगम के दायरे में था, उसे निगम ने कर दिया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मैंने बातचीत की है. पूरे मामले को विस्तार से बताया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले को जल्द निपटाया जाएगा. उसके बाद ही लोकार्पण कार्यक्रम रखा जाएगा.

मुख्यमंत्री ने सोमवार को मामले के निपटारे के लिए ट्रस्टियों को बुलाया था, लेकिन महंत रामसुंदरदास पिण्ड दान कार्यक्रम में बाहर गये हुए थे. भूपेश बघेल ने कहा कि जब वो आ जाएंगे तो बातचीत कर मसले को नियम के अनुरूप सुलझा लिया जाएगा. कोशिश यही रहेगी कि दो तारीख़ से पहले ये काम हो जाए, अगर नहीं होता है तो शुभारंभ कार्य आगे बढ़ाया जाएगा.

बता दें कि नगर निगम ने दो अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बस टर्मिनल का लोकार्पण करने की तैयारी कर ली थी.