चंडीगढ़. पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने राज्य के सभी 23 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। अब तक इस आपदा में 51 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3 लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़ के कारण 2,064 गांव जलमग्न हो चुके हैं और 3,87,949 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, 1,84,938 हेक्टेयर में फैली फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाते हुए, अब तक 20,015 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वैसे-वैसे जान-माल के नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। पंजाब सरकार ने बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और जल्द ही इसकी अंतिम रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे पूरा होने पर नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार से अपेक्षा है कि वह पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए उदारतापूर्वक राहत पैकेज की घोषणा करेगी। इसके साथ ही, सरकार ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये के बकाया फंड को भी जारी करने की मांग की है, ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी राहत पैकेज की मांग को दोहराया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान का भी आकलन करेंगे। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। हालांकि, अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई राहत पैकेज घोषित नहीं किया गया है। उम्मीद है कि पीएम के दौरे के बाद इस संबंध में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।