शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की प्रतिक्रिया सामने आई है। उमंग सिंघार ने कहा कि वे खुद भी यह चाहते है कि सीधे चुनाव होना चाहिए। इससे अध्यक्ष को लेकर जवाबदेही तय होगी। वहीं उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पार्षद खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे, इसलिए प्रत्यक्ष प्रणाली से इलेक्शन का निर्णय लिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सीधे चुनाव होना चाहिए, इससे अध्यक्ष को लेकर जवाबदेही तय होगी। वहीं निशाना साधते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने खुद के फैसले को बदल दिया। शिवराज सरकार ने अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला लिया था।

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उमंग सिंघार ने कहा कि पार्षद खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे, इसलिए यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार ने मजबूरी में प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला लिया है। सरकार के पास पैसा नहीं है, इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा। वहीं उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार छात्र संघ चुनाव को लेकर भी विचार करें।

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आपको बता दें कि मंगलवार (9 सितंबर) को मोहन कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया। सरकार ने नगरीय निकायों की चुनाव व्यवस्था में बदलाव किया है। नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों को बार-बार अविश्वास प्रस्तावों से बचाने के लिए उनके प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए सरकार नगर पालिका अधिनियम की धारा 47 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के माध्यम से संशोधन करेगी। नगरीय विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है।

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