Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा का सोमवार का सत्र विधायी हलचल और राजनीतिक बहस से सराबोर रहा। सदन में सबसे अहम रहा ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’, जिसे जबरन, धोखे या लालच से होने वाले धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए लाया गया। गहन चर्चा और बहस के बाद यह विधेयक पारित हो गया।

भाजपा की तैयारी और विपक्ष की चुनौती

सुबह 10 बजे ही भाजपा विधायक दल की विशेष बैठक हुई, जिसमें पार्टी ने धर्मांतरण विरोधी बिल पर अपनी रणनीति तय की। बैठक में तय हुआ कि विपक्ष के हर सवाल का आक्रामक जवाब दिया जाएगा। दूसरी ओर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया।

प्रश्नकाल से शुरू हुई कार्यवाही

सत्र सुबह 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू हुआ। कुल 48 प्रश्नों में से कई स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय प्रबंधन और नागरिक आपूर्ति जैसे मुद्दों पर रहे। विपक्ष ने सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।

अधिसूचनाओं की झड़ी

प्रश्नकाल के बाद सदन में अधिसूचनाएं और रिपोर्टें पेश हुईं। राजस्व मंत्री जोगाराम पटेल ने राजस्व विभाग से जुड़ी 6 अधिसूचनाएं पटल पर रखीं। शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपने विभाग की 40 अधिसूचनाएं पेश कीं, जिनमें शहरी नीतियों और विकास नियमों से जुड़ी अहम जानकारी थी।

समितियों की रिपोर्ट

सत्र के दौरान विधानसभा की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी रखी गईं। जनलेखा समिति अध्यक्ष टीकाराम जूली ने CAG रिपोर्ट से जुड़े दस्तावेज पेश किए, जिनमें सरकारी खर्च और वित्तीय गड़बड़ियों का ब्यौरा था। स्थानीय निकाय और पंचायती राज समिति अध्यक्ष जितेंद्र गोठवाल ने 10 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। प्रश्न एवं संदर्भ समिति अध्यक्ष संदीप शर्मा ने 2 प्रतिवेदन पटल पर रखे।

स्थानीय मुद्दों की गूंज

कुछ विधायकों ने अपनी याचिकाओं के जरिए स्थानीय और सामाजिक मुद्दे भी उठाए। उदयलाल भड़ाना ने सरकारी भर्तियों में MBC वर्ग को आरक्षण दिलाने की मांग की। छगन सिंह राजपूत ने आहोर में AEN कार्यालय को यथास्थिति में रखने की अपील की। रूपेंद्र सिंह कुन्नर ने बजट घोषणा 2021-22 के क्रियान्वयन पर सवाल उठाया।

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