अजय शास्त्री /बेगूसराय। जिले के मंझौल थाना क्षेत्र के पबरा गांव में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। 9 महीने पहले ठाकुरबाड़ी से चोरी हुई भगवान की दो मूर्तियां अब अचानक एक फूल के पेड़ के नीचे प्रकट हो गईं। यह घटना गांव के लोगों के लिए एक चमत्कारी घटना बन गई लेकिन इस घटना से ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने बिना किसी सावधानी के मूर्तियों को सीधे हाथ से उठाकर कपड़े में लपेटकर अपने साथ ले लिया।

चोरी की घटना और पुलिस की लापरवाही

13 जनवरी 2025 की रात पबरा ब्राह्मण टोला ठाकुरबाड़ी से कई बेशकीमती और अतिप्राचीन भगवान की मूर्तियों की चोरी हुई थी। इस मामले में पुजारी रामविलास झा ने अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की, लेकिन 9 महीने बाद जब भगवान की मूर्तियां प्रकट हुई तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बिना किसी एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) या डॉग स्क्वायड टीम की मदद के मूर्तियों को बिना किसी जांच-पड़ताल के सीधे हाथ से उठाकर ले गई।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में नाराजगी का माहौल है। गांव के लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद पुलिस को मौके पर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी। एक स्थानीय ग्रामीण ने नाम न बताने की शर्त पर कहा ऐसी घटनाओं में एफएसएल या डॉग स्क्वायड की टीम बुलाई जानी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही से मूर्तियों को बिना जांच के उठा लिया। अब चोरों तक पहुंचने की जो एकमात्र कड़ी पुलिस के हाथ लगी थी वह भी मौके पर चली गई।

गिरफ्तारियां नहीं होने से लोग नाराज

ग्रामीणों का कहना है कि अब मूर्तियों की बरामदगी और चोरों की गिरफ्तारी असंभव सी लग रही है। उनका मानना है कि अगर पुलिस जांच सही तरीके से करती तो चोरों तक पहुंचने का मौका मिल सकता था। अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि पुलिस की लापरवाही से चोरी का मामला कैसे सुलझेगा।

चोरी के बाद से चर्चा में है मूर्तियों की कीमत

यह चोरी हुई मूर्तियां बेशकीमती और अतिप्राचीन मानी जा रही हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही थी। ऐसे में पुलिस की ओर से की गई लापरवाही को लेकर लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में शीघ्र ही कार्रवाई करे और चोरों को गिरफ्तार कर सबक सिखाए।

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