अंबिकापुर. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना, आर्थिक सांख्यिकीय तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि किसानों तथा युवाओं के आर्थिक शाक्तिकरण के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं का युवा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक करें. यहां से प्रशिक्षण लेकर अपनी ऊर्जा ग्रामीणों को जागरूक करने में लगाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग शासकीय योजनाओं का लाभ उठा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें. भगत यह बातें सोमवार को कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरमा में नेहरू युवा केन्द्र संगठन अम्बिकापुर द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय राष्ट्रीय युवा स्वंय सेवकों के प्रशिक्षण कार्यशाला में कही.

मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघले ने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हांरी कहे जाने वाले नरवा, गरवा, घुरवा और बारी की परमंपरा को पुर्नजीवित करने के लिए अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि नदी, नालों के पानी को संरक्षित कर सिंचाई के साथ ही वॉटर रिचार्ज किया जा सकता है. इसी प्रकार गोधन सवंर्धन के लिए गोठान का निर्माण किया जा रहा है. जिससे जैविक खाद तैयार कर जैविक कृषि को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए बाड़ी विकास किया जा रहा है. इन सभी घटकों का प्रयोग करने का उद्देश्य कम लागत में अच्छी आमदनी देना है. उन्होंने कहा कि कि छत्तीसगढ़ सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए 2500 रूपए प्रति क्विंटल किया है तथा किसानों का ऋण माफ भी किया. इससे किसानों को काफी मदद मिला है.

आज किसान धान की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहें है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अगामी खरीफ मौसम में करीब 80 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी के साथ ही उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग की व्यवस्था करेगी. भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार यहां के मेहनत किसानों के लिए अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

भगत ने कहा कि किसानों को खेती के वैज्ञानिक तरीके अपनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक प्रोत्साहित करें,  ताकि किसानों की सोच में परिर्वतन हो और नई तकनीकों के बारे में सोच विकसित हो सके. उन्होंने कहा कि जब हमारी सोच आर्थिक उन्नति की होगी तभी हम आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान एवं नित नये प्रयोग से किसानों को जोड़ने से किसान नये तकनीक से अवगत होंगे और खेती में इसे अपनाकर आत्मनिर्भर बनेंगे.

कृषि विज्ञान केंद्र का निरीक्षण

मंत्री अमरजीत भगत ने इसके पूर्व कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरमा का निरीक्षण करते हुए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत विकसित किए जा रहे बाड़ी, जैविक खाद तथा अजोला टेंक, पशु पालन इकाई, कुकूट पालन, बकरी पालन दुग्ध उत्पादन तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाई का निरीक्षण किया. उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों को उन्नत कृषि तथा उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को नियमित रूप से भ्रमण कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र में उद्यानिकी फसल तथा नये-नये किस्म के धान विकसित करें और उसे केन्द्र में लगाएं ताकि यहां आकर किसान उन फसलों को देख संके और स्वंय उसकी खेती करने की सोंचे.

इस अवसर पर राजमोहिनी कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ व्हीके सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरमा के वरिष्ठ वैज्ञानिक रविन्द्र तिग्गा, शिवप्रताप राठिया, गुरमित सिंह बावरा, राजीव अग्रवाल, प्रवीण गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.