कृष्ण कुमार मिश्र, जौनपुर. 3 साल पहले 12 साल की बच्ची के अपहरण और रेप मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करारर पाते हुए 20 साल की सजा और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. इस दौरान कोर्ट ने कहा, घटना के समय पीड़िता नाबालिक थी उसकी सहमति कानून में मान्य नहीं है. कोर्ट ने यह भी तर्क दिया कि कम उम्र में विवाह व गर्भावस्था से नाबालिक बालिका के शिक्षा का अवसर छीन जाते हैं, जिससे चिन्ता व अवसाद का जोखिम बढ़ता है.

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बता दें कि घटना की प्राथमिकी पीड़िता के पिता ने दर्ज कराया था. वादी के अनुसार 31 अगस्त 2022 को आरोपी सिरताज 12 वर्ष की पीड़िता को बहला फुसला कर भाग ले गया, उसके साथ शादी किया. पीड़िता गर्भवती हुई और बच्ची को जन्म दिया. पुलिस ने विवेचना करके कोर्ट में केस डायरी दाखिल की. सरकारी वकील राजेश कुमार उपाध्याय और कमलेश कुमार राय ने कोर्ट में गवाहों का बयान अंकित कराया कोर्ट में पीड़िता घटना से मुकर जाने और खुद को बालिग बताते हुए अपनी सहमति से आरोपी से शादी करने और उसके साथ जीवन व्यतीत करने की बात कही.

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वहीं कोर्ट ने फैसला सुनाया कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर पीड़िता की उम्र घटना के समय 12 वर्ष थी, इसलिए नाबालिग पीड़िता की सहमति का कानूनी महत्व नहीं है. अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट उमेश कुमार द्वितीय की कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई. साथ ही जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता को देने का आदेश दिया है.