रायपुर. नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित है और छत्तीसगढ़ नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने अभी 138 कॉलेजों को मान्यता प्रदान की. प्रवेश की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई है. वहीं किराए की बिल्डिंग एवं अन्य सुविधाओं की कमी की वजह से दर्जनभर नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता काउंसिल ने रोक दी है. इन कॉलेजों को मान्यता दिलाने उच्च स्तर पर कोशिशें भी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 4 सितंबर की तिथि में 138 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता संबंधी सूची जारी की. इन कॉलेजों को सशर्त मान्यता दी गई है. जिसमें कहा गया है कि नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालित किए जाने हेतु भारतीय उपचर्या परिषद नई दिल्ली के मापदंडों के अनुरूप प्रशिक्षण सुविधाएं, भवन, हॉस्टल एवं स्टॉफ की व्यवस्था रखनी होगी.

मान्यता प्राप्त करने के 6 माह के भीतर अधिनियम की धारा 13 के तहत भारतीय उपचर्या परिषद को नियमानुसार निरीक्षण के लिए आवेदन करना होगा. मान्यता शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रभावी होगी. नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता तब प्रदान की गई जब प्रवेश के लिए केवल 25 दिन ही शेष है. हालांकि नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अभी प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है. दूसरी ओर, किराए की बिल्डिंग एवं अन्य सुविधाओं को अभाव में लगभग एक दर्जन कॉलेजों की मान्यता काउंसिल ने रोक दी है. प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के ठीक पहले मान्यता नहीं मिलने से नर्सिंग कॉलेज संचालकों की चिंता बढ़ गई है. वहीं सुविधाओं के अभाव के बाद भी इन कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास भी शुरू हो गए हैं. सूत्रों का कहना है कि कुछ कॉलेज तो ऐसे भी हैं जो 10 साल से किराए की बिल्डिंग पर संचालित हो रहे हैं. पूर्व में भी स्वयं की बिल्डिंग बनाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब तक कॉलेज ने ध्यान नहीं दिया और हर साल इन कॉलेजों को मान्यता मिलती रही.

अब तक प्रवेश नहीं, विद्यार्थी चिंतित

इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर है. प्रवेश की अंतिम तिथि में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी. प्रवेश के लिए 21 दिन शेष है और छत्तीसगढ़ में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है. प्रवेश में देरी से विद्यार्थियों की चिंता बढ़ गई है. कुछ विद्यार्थी नर्सिंग करने के लिए दूसरे राज्यों की ओर रूख कर रहे हैं.

क्लीनिकल प्रशिक्षण शुल्क को लेकर नया फरमान

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने समस्त निजी नर्सिंग कॉलेजों को क्लीनिकल प्रशिक्षण शुल्क को लेकर नया फरमान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि निजी नर्सिंग कॉलेज प्रशिक्षण हेतु अनुमति शुल्क 200 रूपए पाठ्यकमानुसर प्रति सीट, प्रतिमाह, प्रति बैच, प्रति छात्र, प्रतिवर्ष एकमुश्त राशि समस्त रोगी कल्याण समिति/स्वशासी समिति/जीवनदीप समिति के खाते में जमा करनी होगी. इसको लेकर छत्तीसगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ ने आपत्ति जताई है. संघ का कहना है कि संबद्धता प्राप्त चिकित्सालयों में प्रति सीट के विरूद्ध प्रवेशित प्रति छात्र का प्रति माह, प्रति बैच, प्रति वर्ष एक मुश्त राशि रोगी कल्याण समिति-जीवन दीप समिति अथवा स्व सहायता समिति के खाते में जमा किया जा रहा है. कॉलेजों में रिक्त सीटों पर यह आदेश लागू नहीं होता क्योंकि इस आदेश में प्रति सीट के साथ प्रति छात्र भी लिखा गया है. कॉलेजों की आय का स्रोत केवल प्रवेशित छात्रों से ली जाने वाली फीस है. ऐसे में रिक्त सीट का प्रायोगिक प्रशिक्षण शुल्क जमा कराना न्याय संगत नहीं है. संघ ने कहा है कि प्रत्येक निजी कॉलेजों को आबंटित सीट पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है. अतः जिन सीटों पर प्रवेश ही नहीं है उसका शुल्क किस तरह जमा किया जा सकता है.