पटना। बिहार में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती (TRE-4) को लेकर छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। छात्र नेता दिलीप कुमार ने सरकार के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर 1.20 लाख पदों पर भर्ती की घोषणा को पूरा नहीं किया गया तो छात्र एक बार फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे। दिलीप कुमार ने छात्रों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर विरोध जारी रखें और आने वाले दिनों में आंदोलन के लिए तैयार रहें।

1.20 लाख पदों की भर्ती का वादा

आंदोलनकारियों का आरोप है कि सरकार ने खुद 1.20 लाख पदों की भर्ती की घोषणा की थी लेकिन अब तक वैकेंसी जारी नहीं की गई। छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि यह सरकार की वादाखिलाफी है और उन्होंने सरकार से मांग की कि जितने पदों का ऐलान हुआ था उन सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्दी कदम नहीं उठाए तो छात्र सड़कों पर उतरकर और बड़ा आंदोलन करेंगे।

देर रात छोड़े गए छात्र, FIR की धमकी

आंदोलन के दौरान देर रात को कोतवाली थाने में बंद किए गए छात्रों को आखिरकार रात करीब 9 बजे रिहा किया गया। लेकिन इस दौरान छात्रों को डराने-धमकाने की कोशिश की गई। आंदोलन की ओर से भेजे गए डेलिगेशन में शामिल छात्रों को किसी अधिकारी से मिलने नहीं दिया गया और उन्हें यह धमकी दी गई कि अगर उन्होंने नौकरी की मांग की तो उनके खिलाफ FIR दर्ज किया जाएगा। यह सब छात्रों के लिए असहनीय था और उनके सब्र का बांध टूट चुका है।

सरकार के खिलाफ आंदोलन का बढ़ता दबाव

दिलीप कुमार ने कहा कि अब छात्र चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि जितने पदों की घोषणा की गई थी उतनी ही वैकेंसी तुरंत जारी की जाए अन्यथा छात्र सड़क पर उतरकर और भी बड़े आंदोलन करेंगे। छात्रों का यह कहना है कि जब सरकार ने पदों की संख्या घोषित की थी तो उसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है।

नई नियुक्तियां लगातार जारी रहेंगी

वहीं, बिहार शरीफ के सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज उदंतपुरी में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने TRE-4 परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि TRE-4 परीक्षा किसी के लिए भी अंत नहीं है। इसके बाद TRE-5 और TRE-6 जैसी परीक्षाएं भी होंगी। सरकार लगातार नए रोजगार के अवसर बना रही है और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

नई नियुक्तियों का सिलसिला जारी रहेगा

शिक्षा मंत्री ने छात्रों से यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में सरकार की वापसी तय है और युवाओं को सरकारी नौकरी मिलती रहेगी। उन्होंने सरकार के रोजगार बढ़ाने की योजना पर भी जोर दिया। मंत्री का यह बयान छात्रों के गुस्से को कुछ हद तक शांत करने का प्रयास था लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार को अपनी घोषणाओं को पूरा करना होगा वरना आंदोलन और बढ़ सकता है।

ग्रामीण विकास मंत्री का शिक्षा के महत्व पर जोर

समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी उपस्थित थे जिन्होंने शिक्षा और गुरु के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और गुरु का जीवन में सबसे बड़ा स्थान है। जो लोग अपने गुरु का सम्मान करते हैं वही प्रगति करते हैं जबकि जो गुरु का आदर नहीं करते वे कभी सफलता नहीं पा सकते। उनके इस बयान ने समारोह में उपस्थित छात्रों को प्रेरित किया।

समाधान क्या होगा?

छात्रों का आंदोलन अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। सरकार ने हालांकि अपनी तरफ से कई बयान दिए हैं लेकिन छात्रों के गुस्से और उनकी मांगों को देखते हुए यह साफ है कि अगर जल्द ही 1.20 लाख पदों पर भर्ती का ऐलान नहीं हुआ तो बिहार में एक और बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है। यह भी देखा जाएगा कि शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री की घोषणाओं से छात्रों का गुस्सा शांत होता है या नहीं।

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