देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने नेपाल में भड़की हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में ध्वस्त होती व्यवस्था व धूं-धूं जलती आकांक्षाएं, मुझे 1990 की याद दिला रही हैं। नेपाली कांग्रेस का काठमांडू में पहला ओवर ग्राउंड अधिवेशन आयोजित हुआ था। भारत की ओर से उस सम्मेलन में मुझे, चंद्रशेखर, सुब्रमण्यम स्वामी , सांसद व CPM के महासचिव सीताराम येचुरी, वरिष्ठ पत्रकार व सांसद अकबर के साथ भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला।

राजशाही के खात्मे का यह आन्दोलन खुली घोषणा था

हरीश रावत ने कहा कि गणेश मान की अध्यक्षता में यह खुला सम्मेलन हुआ। राजशाही के खात्मे का यह आन्दोलन खुली घोषणा था। लगभग 5 लाख लोग इस सम्मेलन में उपस्थित रहे। ऊर्जा, उत्साह, उमंग और एक सुखद भविष्य की आकांक्षाएं आसमान छू रही थी और आज नेपाल में संसद भवन जलते हुये देखना अत्यधिक चिंताजनक व दर्दनाक है। शायद हम जनता के चुने हुए लोग जनता के दर्द को नहीं पहचान पा रहे हैं।

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पूर्वी सीएम आगे कहा कि नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। नेपाल में ‘जनरेशन जेड’ के नाम से युवाओं का आंदोलन एक चेतावनी है, आंखें खोलने वाला है और राजनीतिक दलों और सभी की जीवनशैली के लिए एक सबक है, जिसे सभी को गंभीरता से लेना चाहिए।