सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण उत्सवों में एक तीज के पावन पर्व के उपलक्ष्य पर इंद्रावती भवन में कार्यरत समस्त महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विगत 3 वर्षों से अनवरत तीज मिलन का कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में शामिल समस्त महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस पावन अवसर पर सोलह श्रृंगार के साथ विभिन्न प्रकार के वेशभूषा में अत्यंत हर्ष और उत्साह के साथ सम्मिलित हुए।

समस्त महिला शासकीय सेवकों को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे किसी आसमान में इंद्रधनुष की छठा निखर कर सामने आ गई है। इस अवसर पर महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ से संबंधित सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। इंद्रावती भवन अध्यक्ष जय कुमार साहू द्वारा समस्त महिला साथियों के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजन जिसमें ठेठरी, खुर्मी, चाकोली, खाजा, गुजिया की व्यवस्था की जाती है।

कार्यक्रम में महिला अधिकारियों-कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर इंद्रावती भवन के अध्यक्ष जय कुमार साहू द्वारा पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसे ठेठरी, खुर्मी, चाकोली, खाजा और गुजिया की व्यवस्था की गई, जिसने समारोह में चार चांद लगा दिए।

कार्यक्रम का संचालन संचालयीन कर्मचारी संघ की महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष जगदीप बजाज एवं संयुक्त सचिव सोनाली तिड़के द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा मुख्य अतिथि संचालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जय कुमार साहू, कार्यकारी अध्यक्ष संतोष वर्मा, संगठन सचिव लोकेश वर्मा, भू-अभिलेख विभाग अध्यक्ष अमित शर्मा, संचनालय कर्मचारी संघ से हेमप्रसाद गायकवाड उपस्थित रहे।

अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि यह आयोजन न केवल छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि सामूहिक एकता और उत्साह का भी प्रतीक बना। तीज मिलन समारोह ने सभी को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर के और करीब लाने का कार्य किया।

कमल वर्मा ने कहा कि तीज पर्व नारी शक्ति के सम्मान और उनके आत्मबल का प्रतीक है। यह पर्व केवल सुहागिनों की मंगलकामना से ही नहीं, बल्कि संस्कार, श्रद्धा और सामाजिक एकता के प्रतीक रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस आयोजन ने न केवल महिला सशक्तिकरण की भावना को सुदृढ़ किया, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और सौहार्द का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।