नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सियासी समीकरण तेजी से बनते-बिगड़ते दिख रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें बिहार चुनाव को लेकर रणनीति पर विचार किया गया। बैठक के बाद कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि AIMIM और असदुद्दीन ओवैसी को लेकर चल रही अटकलों से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरू ने स्पष्ट किया कि AIMIM की महागठबंधन में एंट्री की चर्चाओं में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने बताया कि ओवैसी ने महागठबंधन में शामिल होने को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है लेकिन कांग्रेस को इससे कोई लेना-देना नहीं। यह पत्र लालू जी को लिखा गया है। इस पर प्रतिक्रिया देना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। कांग्रेस का इस चर्चा में प्रत्यक्ष या परोक्ष कोई रोल नहीं है।
सीट बंटवारे पर 15 सितंबर तक साफ हो जाएगी तस्वीर
सीट बंटवारे को लेकर भी कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। अलावरू ने बताया कि सीटों की प्राथमिक सूची राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी गई है। अब समन्वय समिति में इस पर अंतिम चर्चा चल रही है। उनका दावा है कि 15 सितंबर तक सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय हो जाएगा। बातचीत का माहौल सकारात्मक है। कांग्रेस गठबंधन को मजबूत करने के लिए लचीला रुख अपनाएगी।
AIMIM को लेकर फैसला अब लालू यादव के पाले में
ओवैसी की पार्टी AIMIM की संभावित एंट्री को लेकर अब पूरा दारोमदार लालू यादव के फैसले पर आ गया है। कांग्रेस ने खुद को इस विवाद से अलग रखते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि AIMIM को गठबंधन में जगह मिलती है तो यह निर्णय राजद की राजनीतिक समझ और नेतृत्व का हिस्सा होगा।
किसी प्रकार का खींचतान नहीं चाहती कांग्रेस
कांग्रेस का यह रुख बताता है कि पार्टी इस बार महागठबंधन में किसी भी प्रकार की खींचतान से बचना चाहती है। उसे जितनी सीटें मिलेंगी वह उनमें ही चुनाव लड़ेगी। वहीं गठबंधन के स्वरूप और चेहरों को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं रखना चाहती।