Airfloa Rail Technology IPO: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को Airfloa Rail Technology IPO ने धमाकेदार एंट्री की. खुलते ही यह इश्यू निवेशकों की भीड़ से भर गया और महज कुछ ही मिनटों में सब्सक्राइब हो गया. सुबह 10:45 बजे तक आंकड़े बताते हैं कि IPO तीन गुना ओवरसब्सक्राइब हो चुका था. खासकर रिटेल कैटेगरी में निवेशकों ने जबरदस्त रुचि दिखाई, जहां सब्सक्रिप्शन लगभग पांच गुना तक पहुंच गया. वहीं, NII कैटेगरी 2.74 गुना और QIB कैटेगरी में शुरुआत होते ही तेजी देखने को मिली.

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Airfloa Rail Technology IPO
Airfloa Rail Technology IPO

ग्रे मार्केट में जबरदस्त प्रीमियम (Airfloa Rail Technology IPO)

इस IPO को लेकर उत्साह का बड़ा कारण है इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP). बाजार सूत्रों के अनुसार, Airfloa Rail Technology का GMP ₹165 चल रहा है, जो कि इसके कैप प्राइस से करीब 117.8% अधिक है. कई दिनों से अनलिस्टेड मार्केट में यह सबसे चर्चित IPO रहा है. एक समय इसका GMP ₹170 तक पहुंच गया था. यही वजह रही कि लिस्टिंग से पहले ही निवेशकों की लाइन लग गई.

कंपनी ने इश्यू का प्राइस बैंड ₹133 से ₹140 प्रति शेयर रखा है. लॉट साइज 1000 शेयर का तय किया गया है, यानी न्यूनतम निवेशक को लगभग ₹2.80 लाख लगाने होंगे. छोटे निवेशकों के लिए यह बड़ी रकम जरूर है, लेकिन GMP और कंपनी की मजबूत बैकग्राउंड ने जोखिम लेने वालों का भरोसा बढ़ाया है.

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रेलवे प्रोजेक्ट्स से कंपनी का मजबूत कनेक्शन (Airfloa Rail Technology IPO)

Airfloa Rail Technology की शुरुआत 1998 में हुई थी. कंपनी भारतीय रेल और मेट्रो सिस्टम्स के लिए रोलिंग स्टॉक कंपोनेंट्स और टर्नकी इंटीरियर प्रोजेक्ट्स बनाती है. कंपनी पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस, आरआरटीएस कोच, विस्ताडोम कोच और आगरा-कानपुर मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रह चुकी है.

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में 40,000 रेल बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड में बदला जाए और 2047 तक 5000 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क तैयार किया जाए. इन महत्वाकांक्षी योजनाओं से Airfloa को सीधे फायदा मिलने की संभावना है.

सुधांशु मणि की मौजूदगी बनी गेम-चेंजर (Airfloa Rail Technology IPO)

कंपनी ने अपनी विश्वसनीयता को और मजबूत करने के लिए सुधांशु मणि (वंदे भारत एक्सप्रेस के जनक और ICF के पूर्व जीएम) को टेक्नोलॉजी एडवाइजर बनाया है. रेलवे उद्योग में उनका अनुभव और पहचान Airfloa को निवेशकों की नजर में और मजबूत बना रहा है.

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मजबूत ऑर्डर बुक और वित्तीय प्रदर्शन (Airfloa Rail Technology IPO)

28 अगस्त 2025 तक Airfloa Rail Technology के पास ₹376 करोड़ का कंफर्म ऑर्डर बैकलॉग है. यह न केवल आने वाले समय में स्थिर राजस्व का भरोसा देता है, बल्कि इंडियन रेलवे और प्रमुख OEM पार्टनर्स से कंपनी के रिश्तों की मजबूती भी दिखाता है.

वित्तीय रूप से भी कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा है. FY25 में कंपनी की आय 61% बढ़कर ₹192 करोड़ पर पहुंच गई. वहीं, नेट प्रॉफिट दोगुना होकर ₹25.5 करोड़ हो गया. EBITDA मार्जिन 24.6% और नेट मार्जिन 13.3% तक रहा. ROE 30.6% और ROCE 26.3% तक पहुंच गया. सबसे अहम बात, कंपनी का डेब्ट-इक्विटी रेश्यो घटकर 0.54 रह गया है, जो निवेशकों को भरोसा देता है.

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भविष्य की योजना और निवेशकों का भरोसा (Airfloa Rail Technology IPO)

Airfloa केवल रेलवे और मेट्रो तक सीमित नहीं रहना चाहती. कंपनी आने वाले समय में डिफेंस, एयरोस्पेस और एडवांस्ड कंपोनेंट्स के क्षेत्र में भी प्रवेश करने की योजना बना रही है. इससे इसका मार्केट दायरा और बड़ा होगा.

भले ही यह एक SME IPO है, लेकिन कंपनी की रणनीतिक स्थिति, अनुभवी नेतृत्व और दमदार फाइनेंशियल प्रोफाइल ने इसे निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है. अगर कंपनी अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ती है, तो यह IPO भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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