Pigs Head Found Outside Mosques In Paris: फ्रांस की 9 मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर मिलने के बाद बवाल मच गया है। फ्रांस की राजधानी पेरिस और आसपास की नौ मस्जिदों के बाहर मिले सूअरों के कटे हुए सिर पर राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का नाम लिखा था। यूरोप के सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश में मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर मिलने के बाद पूरे देश में बवाल मच गया है। अधिकारियों ने इसे लेकर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि फ्रांस में वर्तमान समय में 60 लाख से ज्यादा मुसलमान रहते हैं।

घटना के पीछे कौन है, यह पता नहीं चला है लेकिन अधिकारियों ने बढ़ती इस्लाम विरोधी भावना के बीच फ्रांस की मुस्लिम आबादी के प्रति समर्थन का वादा किया है। इधर फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि देश में माहौल बिगाड़ने, भेदभाव फैलाने और देश को विभाजित करने के मकसद से ऐसा किया गया है।

बता दें कि फ्रांस में इस वक्त राजनीतिक गतिरोध भी जारी है।  फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सरकार (Emmanuel Macron Government) की नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग फ्रांसीस राष्ट्रपति की नीतियों से नाराज हैं। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कते साथ आगजनी और पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। इसी बीच मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे हुए सिर मिलने की घटना ने बवाल मचा दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि चार सूअरों के सिर पेरिस की मस्जिदों के बाहर मिले, जबकि बाकी पेरिस से बाहर की मस्जिदों के सामने देखे गए। फ्रांसीसी अधिकारियों ने देश में रह रहे मुस्लिमों को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। फ्रांस में इस समय मुस्लिम विरोधी माहौल है और इस्लाम में सूअर का मांस खाना वर्जित है। ऐसे में वहां मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर मिलने की घटना ने हड़कंप मचा दिया है।

घटना के पीछे विदेशी ताकतेंः गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ

फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे मुस्लिम देशवासी शांति से अपने धर्म का पालन करें। मैं जानता हूं कि उन्हें दुख पहुंचा है। रिटेलेउ का यह भी कहना है कि वह इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इन घटनाओं के पीछे विदेशी ताकतें शामिल हैं क्योंकि देश इस समय वित्तीय और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि हम पिछली घटनाओं को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, जो अक्सर रात में होती थीं और उनमें विदेशी हस्तक्षेप की बात सामने आई थी।

पेरिस की सबसे बड़ी मस्जिद बयान जारी किया

इधर पेरिस की सबसे बड़ी मस्जिद ने भी घटना पर बयान जारी किया और कहा कि यह स्पष्टरूप से दिखाता है कि मुस्लिमों के लिए नफरती माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है और देश को तोड़ने की साजिश चल रही है। मस्जिद ने अपने बयान में आगे कहा कि नफरत फैलाने की कोशिशों के बावजूद देश की मुस्लिम आबादी देश की एकता के लिए काम करने को दृढ़ है। साल 2024 में आई फ्रांस की हम्यूमन राइट्स कमीशन की रिपोर्ट में बताया गया कि फ्रांस में नस्लवाद बढ़ रहा है। मार्च 2025 में फ्रांस में 79 मुस्लिम विरोधी घटनाएं देखी गईं और यह आंकड़ा 2024 के मार्च महीने में हुई घटनाओं से 72 फीसदी ज्यादा है।

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने फ्रांस को चिंता में डाला

फ्रांस के मानवाधिकार आयोग की 2024 की रिपोर्ट में नस्लवाद बढ़ने की जानकारी दी गई है। जनवरी और जून 2025 के बीच गृह मंत्रालय ने 181 मुसलमान विरोधी घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 की इसी अवधि की तुलना में 81 फीसदी अधिक हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने समूह ADDAM के प्रमुख बसिरू कैमारा के हवाले से बताया कि मस्जिद में जाने वाले लोग लगातार डरे हुए हैं, क्योंकि असुरक्षा बढ़ रही है। यह समूह मुसलमानों के खिलाफ होने वाले भेदभाव से लड़ता है।

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