विकास कुमार /सहरसा। जिले में 102 एंबुलेंस सेवा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है, जिससे गंभीर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के ठप होने से आम लोगों की चिंता बढ़ गई है खासकर उन ग्रामीण इलाकों में जहां एंबुलेंस ही एकमात्र सहारा होती है।
हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें 12 घंटे ड्यूटी के बावजूद वेतन सिर्फ 8 घंटे के हिसाब से दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अभी तक उन्हें वेतन स्लिप तक नहीं दी गई है। कर्मचारियों ने श्रम कानूनों के तहत उचित वेतन और सुविधाएं देने की मांग की है।
सदर अस्पताल परिसर बना धरना स्थल
सहरसा के सदर अस्पताल परिसर में सभी 102 एंबुलेंस कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं। इनका साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं हड़ताल जारी रहेगी। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने तख्तियां लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की।
मरीजों की जान जोखिम में
हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। गंभीर रूप से बीमार लोगों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा रहा है, जिससे इलाज में देरी जानलेवा साबित हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि वहां निजी एंबुलेंस या अन्य साधन आसानी से उपलब्ध नहीं होते।
क्या कहती है प्रशासनिक चुप्पी?
इस पूरे मामले में अब तक जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार मांगें उठाने के बावजूद उन्हें अनसुना किया गया जिसके बाद अब उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा।
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