दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति (new excise policy) को लेकर बड़ी चर्चा शुरू हो गई है। सरकार के पास ऐसा सुझाव आया है कि बीयर पीने की कानूनी न्यूनतम उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी जाए। हालांकि फिलहाल इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में शराब की खरीद-बिक्री से जुड़े नियम एक जैसे हो जाएंगे। फिलहाल दिल्ली में शराब खरीदने और पीने की कानूनी उम्र 25 साल है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इसके विपरीत, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों में यह सीमा 21 साल तय है।
दिल्ली में शराब की न्यूनतम उम्र 25 साल होने के कारण राजधानी के युवा अक्सर पड़ोसी शहरों का रुख करते हैं। 25 साल से कम उम्र के युवक-युवतियां गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे एनसीआर शहरों में जाकर शराब खरीदते हैं। इससे दिल्ली सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है। इसी वजह से नई आबकारी नीति में बीयर की न्यूनतम कानूनी उम्र 25 से घटाकर 21 साल करने का सुझाव दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति विभिन्न हितधारकों से फीडबैक ले रही है। सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है और नीति से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर शराब निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठकों में चर्चा की जा रही है।
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दुकानों की लोकेशन पर भी होगी सख्ती
नई आबकारी नीति में सिर्फ उम्र घटाने का ही नहीं, बल्कि शराब की दुकानों की लोकेशन को लेकर भी कड़े प्रावधान किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत शराब की दुकानें अब भीड़भाड़ वाले इलाकों, स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थलों और रिहायशी कॉलोनियों के पास नहीं खोली जाएंगी। इसके अलावा नई नीति में मॉल और सुपरमार्केट में शराब की दुकानों की अनुमति देने का सुझाव भी सामने आया है। अधिकारियों का कहना है कि इससे व्यवस्था अधिक पारदर्शी और लोगों के लिए सुविधाजनक हो सकेगी।
राजस्व और सुविधा दोनों पर फोकस
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई आबकारी नीति का उद्देश्य केवल टैक्स बढ़ाना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि आम लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो। अधिकारी के मुताबिक, अगर बीयर की न्यूनतम उम्र सीमा घटाई जाती है तो इससे न सिर्फ सरकार का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि दिल्ली और एनसीआर के बीच का अंतर भी खत्म हो जाएगा।
अगर दिल्ली में बीयर की न्यूनतम कानूनी उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी जाती है तो हजारों युवाओं को शराब खरीदने के लिए पड़ोसी शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। इस कदम से दिल्ली सरकार को करोड़ों रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। हालांकि, सामाजिक संगठनों ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कम उम्र में शराब की उपलब्धता से युवाओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और इसके सामाजिक दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं।
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