India Retail Inflation August 2025: भारत में रिटेल महंगाई यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) अगस्त महीने में थोड़ा और ऊपर जा सकती है. अनुमान है कि जुलाई की 1.55% दर के मुकाबले अगस्त में यह बढ़कर करीब 2.2% तक पहुंच सकती है.

इसका मुख्य कारण है खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी. महंगाई के आधिकारिक आंकड़े आज शाम 4 बजे जारी होंगे, जिसका असर निवेशकों, बाजार और रिजर्व बैंक की नीतियों पर पड़ सकता है.

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India Retail Inflation August 2025

India Retail Inflation August 2025

जुलाई में क्यों रही थी गिरावट?

जुलाई 2025 में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट देखी गई थी.

  • खाद्य महंगाई: महीने-दर-महीने आधार पर -1.06% से घटकर -1.76% रही.
  • ग्रामीण महंगाई: 1.72% से घटकर 1.18% हो गई.
  • शहरी महंगाई: 2.56% से कम होकर 2.05% पर आ गई.

खाद्य पदार्थ महंगाई की टोकरी (Inflation Basket) का लगभग 50% हिस्सा होते हैं. यही वजह है कि खाने-पीने की कीमतों में हल्की भी बढ़ोतरी पूरी महंगाई दर को ऊपर खींच लेती है.

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RBI का लक्ष्य और चिंता

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का लक्ष्य है कि महंगाई को 4% ± 2% की सीमा में रखा जाए. यानी न्यूनतम 2% और अधिकतम 6% के दायरे में.

हालांकि, अगस्त की पॉलिसी मीटिंग (4-6 अगस्त 2025) में RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया था.

अगर आने वाले महीनों में कीमतें और बढ़ती हैं तो यह RBI की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) पर असर डाल सकती है.

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महंगाई कैसे तय होती है?

महंगाई दर सीधे तौर पर डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है. जब लोगों के पास पैसा ज्यादा होता है तो उनकी खरीदारी बढ़ती है. अगर डिमांड के मुकाबले सप्लाई कम हो तो कीमतें चढ़ जाती हैं.

इसके उलट, अगर डिमांड घटती है और सप्लाई बढ़ जाती है, तो महंगाई कम हो जाती है. सीधे शब्दों में कहें तो, पैसों की अधिकता या सामान की कमी, दोनों ही महंगाई बढ़ाते हैं.

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CPI से तय होती है खुदरा महंगाई (India Retail Inflation August 2025)

रिटेल महंगाई दर का आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से होता है. यह इंडेक्स उन वस्तुओं और सेवाओं की औसत कीमत को मापता है, जिन्हें आप और हम रोजमर्रा की जिंदगी में खरीदते हैं. यानी, आपके महीने के खर्च से लेकर आपकी जेब पर पड़ने वाला बोझ CPI के जरिए सामने आता है.

अब सबकी नजर आज शाम जारी होने वाले आधिकारिक आंकड़ों पर है. अगर महंगाई 2% के करीब रहती है तो यह RBI के लिए राहत होगी, लेकिन 2.2% से ऊपर जाना यह संकेत देगा कि आने वाले महीनों में खाद्य वस्तुओं की कीमतें और नीतिगत फैसले चर्चा में रहेंगे.

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