Infosys Share Buyback: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने एक बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपए का शेयर बायबैक लाने का ऐलान किया है. बोर्ड की 11 सितंबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह अब तक का कंपनी का सबसे बड़ा बायबैक होगा.

कंपनी 1,800 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से करीब 10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी. यह कुल शेयर कैपिटल का 2.4% हिस्सा होगा. 2022 के बाद यह पहला और 1993 में लिस्टिंग के बाद से पांचवा बायबैक है.

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Infosys Share Buyback

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क्या है शेयर बायबैक?

शेयर बायबैक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने ही शेयर निवेशकों से वापस खरीदती है. इसके पीछे कई उद्देश्य होते हैं

  • मार्केट में शेयर कम करना: शेयर की सप्लाई घटने पर डिमांड बढ़ सकती है और कीमत ऊपर जा सकती है.
  • अतिरिक्त कैश का इस्तेमाल: कंपनी अगर कैश-रिच है, तो बायबैक के जरिए निवेशकों को फायदा देती है.
  • भरोसे का संदेश: यह बताने का तरीका कि कंपनी को अपने भविष्य और शेयरों की वैल्यू पर पूरा विश्वास है.

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18,000 करोड़ का बायबैक, पैसा कहां से आएगा?

इंफोसिस के पास फिलहाल करीब 45,200 करोड़ रुपए कैश और कैश इक्विवेलेंट मौजूद है. कंपनी बिना किसी दिक्कत के इस बायबैक को फंड कर सकती है.

रिटेल निवेशकों के लिए बड़ा मौका

SEBI के नियमों के मुताबिक, बायबैक का 15% हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व होता है. यानी छोटे निवेशकों के पास भी इस बायबैक से अच्छा मुनाफा कमाने का मौका रहेगा.

2017 में भी इंफोसिस ने 13,000 करोड़ रुपए के बायबैक में से लगभग 1,950 करोड़ रुपए रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व रखे थे.

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क्या शेयर प्राइस बढ़ेगा?

आमतौर पर बायबैक से शेयर की कीमत पर सकारात्मक असर पड़ता है. मार्केट में शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे EPS (Earning Per Share) बढ़ती है और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होता है.

ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि अगले 60 दिनों में इंफोसिस का शेयर निफ्टी आईटी इंडेक्स से बेहतर परफॉर्म कर सकता है. हालांकि, 2021 के बायबैक के बाद शेयर में 3.3% गिरावट भी देखी गई थी.

इंफोसिस की जर्नी (Infosys Share Buyback)

1981 में नारायण मूर्ति और साथियों ने कंपनी की शुरुआत महज 250 डॉलर (21,000 रुपए) से की थी. आज कंपनी 56 देशों में मौजूद है और 1900 से ज्यादा क्लाइंट्स के साथ काम कर रही है. दुनियाभर में इसकी 13 सब्सिडियरी कंपनियां हैं. कंपनी का नेतृत्व फिलहाल CEO और MD सलील पारेख कर रहे हैं.

इंफोसिस का यह बायबैक आईटी सेक्टर में बड़ी हलचल मचाने वाला है. अब देखना ये होगा कि क्या यह कदम निवेशकों को बड़ा मुनाफा दिलाएगा या फिर शेयर प्राइस में अस्थाई उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा.

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