भारत और नेपाल के बीच दोस्ती का प्रतीक मानी जाने वाली दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए रुकी हुई है। दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की यह लोकप्रिय बस सेवा दोनों देशों के यात्रियों के लिए सुविधाजनक और किफायती साधन के रूप में जानी जाती है।
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नेपाल में हाल ही में शुरू हुए छात्रों के ‘जेन जेड’ आंदोलन ने पूरे देश में हलचल मचा दी। यह आंदोलन शुरुआत में सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ था, लेकिन जल्दी ही यह भ्रष्टाचार और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बड़े जनाक्रोश में बदल गया। इस आंदोलन और उथल-पुथल के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध भी हटा दिए गए। इस हालात का सीधा असर दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा पर पड़ा है। डीटीसी की यह बस सेवा फिलहाल नेपाल में फंस गई है, जिसके कारण यात्रा अब अनिश्चितकाल के लिए ठप हो गई है।
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दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस नेपाल में रुकी हुई है। अधिकारी ने कहा, “दिल्ली सरकार इस मामले में भारत और नेपाल के दूतावासों के साथ समन्वय कर रही है।” इसके चलते बुधवार को इस सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया।
दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा
014 में शुरू हुई दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को मजबूत करने का एक शानदार उदाहरण मानी जाती है। इस 1,167 किलोमीटर लंबी यात्रा में बस दिल्ली से काठमांडू तक फीरोजाबाद, फैजाबाद, मुगलिंग और सोनौली (भारत-नेपाल सीमा) जैसे पड़ावों पर रुकती है। यात्रियों के लिए इसका किराया मात्र 2,800 रुपये है, जो इसे किफायती और सुलभ बनाता है।
दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा सप्ताह में छह दिन संचालित होती है। डीटीसी की वॉल्वो बसें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलती हैं। नेपाल की मंजुश्री यातायात की मार्को पोलो बसें मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को यात्रियों को काठमांडू ले जाती हैं। यह व्यवस्था दोनों देशों के यात्रियों के लिए सुविधाजनक और संतुलित समय सारणी प्रदान करती है।
यात्रा के नियम और सुविधाएं
दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा में यात्रियों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। भारतीय और नेपाली नागरिकों को पासपोर्ट या वोटर आईडी जैसे सरकारी पहचान पत्र साथ रखना होता है। अन्य देशों के नागरिकों को वैध पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है। यात्रा के दौरान बस केवल निर्धारित पड़ावों पर रुकती है। बसें पूरी तरह वातानुकूलित हैं और 2×2 सीटिंग व्यवस्था के साथ आरामदायक सफर का अनुभव देती हैं। डीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, यह सेवा 25 नवंबर, 2014 को दिल्ली के डॉ. अंबेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से शुरू हुई थी।
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कोरोना काल में रुकी, फिर शुरू हुई सेवा
कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान, 23 मार्च 2020 को दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थी। हालांकि, दिसंबर 2021 में इसे पुनः शुरू किया गया। वर्तमान में यह सेवा केवल डीजल बसों के माध्यम से संचालित हो रही है, क्योंकि इस रूट के लिए सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध नहीं हैं।
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