मोहम्मद करीमुल्लाह/ मधुबनी। भारत-नेपाल सीमा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नेपाल में जारी आंदोलन और अशांति के बीच वहां की परसा जेल से फरार हुए कई कैदी भारत में घुस आए जिनमें से 6 कैदियों को मधुबनी जिले में अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। नेपाल की जेल से कैदियों के ऐसे पलायन और सीमा पार घुसपैठ ने सीमा सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लदनियां में दो कैदी धराए, गुप्त सूचना पर कार्रवाई

लदनियां थाना क्षेत्र के छपकी गांव से नेपाल की जेल से भागे दो कैदियों को पुलिस और एसएसबी ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया। लदनियां इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष अनूप कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ कैदी इस रास्ते से भारत में प्रवेश कर चुके हैं। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने गांव में छापेमारी कर दोनों कैदियों को धर दबोचा।

मधवापुर में सीमा पर पकड़ा गया एक और कैदी

मधवापुर थाना क्षेत्र में भी एक कैदी को गिरफ्तार किया गया है। गश्ती के दौरान सीमा के पास संदिग्ध रूप से घूमते व्यक्ति को पकड़कर पूछताछ की गई जिसमें खुलासा हुआ कि वह नेपाल की जेल से फरार हुआ था। थानाध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की है।

बासोपट्टी से तीन कैदी गिरफ्तार

बासोपट्टी थाना क्षेत्र से तीन और कैदी पकड़े गए जिनमें से एक ब्राजील का नागरिक भी है। एक विदेशी कैदी की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्क कर दिया है। इन सभी से गहन पूछताछ जारी है और नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है।

डीएसपी बोले: संगठित नेटवर्क की आशंका

जयनगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया कि अब तक कुल छह फरार कैदियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में हालिया राजनीतिक अस्थिरता के चलते जेलों की सुरक्षा प्रभावित हुई है और इसका फायदा उठाकर कैदी भाग निकले। शुरुआती जांच में संगठित नेटवर्क की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट, गश्ती बढ़ी

बेनीपट्टी थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कैदी भारत में किसके संपर्क में आने वाले थे। उधर एसएसबी की तैनाती बढ़ा दी गई है और सीमा पर गश्ती तेज कर दी गई है लेकिन यह घटना स्पष्ट रूप से सीमा सुरक्षा की बड़ी चूक को उजागर करती है।