सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर सुनवाई करते हुए बड़ा बयान दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण नियंत्रण की नीति सिर्फ दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR तक सीमित नहीं हो सकती। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा, “अगर एनसीआर के शहरों को स्वच्छ हवा का अधिकार है, तो देश के बाकी हिस्सों के लोगों को यह अधिकार क्यों नहीं? साफ हवा का हक केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि पूरे देश के नागरिकों को मिलना चाहिए।” अदालत ने सरकार को यह भी संकेत दिया कि प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां व्यापक स्तर पर तैयार की जानी चाहिए, ताकि दिल्ली ही नहीं बल्कि हर राज्य और शहर में रहने वाले लोग स्वच्छ वायु का लाभ उठा सकें।
अदालत ने साफ किया कि प्रदूषण रोकने की नीति पूरे भारत के लिए होनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा, “मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था। वहां प्रदूषण दिल्ली से भी बदतर था। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो यह पाबंदी पूरे देश में लागू होनी चाहिए।” सीजेआई गवई ने अपने अनुभव साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जाएं, ताकि सभी नागरिकों को स्वच्छ हवा का अधिकार मिल सके। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 3 अप्रैल 2025 के आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश में दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री, भंडारण, परिवहन और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। याचिका में इस आदेश को बदलने की मांग की गई है।
सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली में रामलीला और दुर्गा पूजा के लिए समितियों का किया गठन
पटाखों पर पूरी तरह बैन के खिलाफ याचिका
अदालत में सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने दलील दी कि कुलीन वर्ग अपना ध्यान रख लेता है और प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली से बाहर चला जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि आम नागरिकों को क्यों स्वच्छ हवा से वंचित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह बैन के खिलाफ दायर याचिका पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले अप्रैल 2025 में हुई सुनवाई में अदालत ने कहा था कि “प्रतिबंध को कुछ महीनों तक सीमित करने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। लोग पटाखों को इकट्ठा करेंगे और उस समय बेचेंगे, जब बैन लागू होगा।”
नेपाल में फंसी DTC की बस, दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा ठप; यात्रियों में परेशानी
साफ हवा के मामले में कौन सा शहर आगे
इस बीच, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत इंदौर, अमरावती और देवास जैसे शहर शीर्ष प्रदर्शनकर्ता बनकर सामने आए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि कई शहरों ने औद्योगिक केंद्र होने या कोयला खदानें होने के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष से शहरों के वार्ड स्तर पर भी वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों का मूल्यांकन किया जाएगा। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इंदौर पहले स्थान पर रहा, जबलपुर दूसरे और आगरा व सूरत संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक